

नई दिल्ली: निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई इस बात की जांच कर रहा है कि क्या देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने प्रतिस्पर्धा मानदंडों का उल्लंघन किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह जानकारी विमानन कंपनी के उड़ान व्यवधानों को लेकर नियामक जांच का सामना करने के बीच सामने आई है। घरेलू बाजार में 65 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाली इंडिगो ने दो दिसंबर से सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दीं जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हुई है। अब स्थिति स्थिर हो रही है।
इंडिगो पहले से ही DGCA के पैनी नजर में
विमानन सुरक्षा नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) उड़ान व्यवधानों की जांच करने के साथ-साथ इंडिगो के परिचालन की निगरानी भी बढ़ा रहा है। वहीं कुछ हलकों में इस बात को लेकर चिंताएं हैं कि क्या विमानन कंपनी की प्रमुख स्थिति भी इसका एक कारण हो सकती है।
CCI ने भी स्वतः संज्ञान लेकर आंतरिक जांच शुरू की
एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) आंतरिक रूप से इस बात की जांच कर रहा है कि क्या इंडिगो ने प्रतिस्पर्धा मानदंडों का उल्लंघन किया है।
अधिकारी ने बताया कि समग्र प्रभुत्व की स्थिति, विशेष मार्गों पर प्रभुत्व और क्या प्रभुत्व का दुरुपयोग हो रहा है जैसे विभिन्न पहलुओं की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि इंडिगो के खिलाफ अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है और सीसीआई स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच कर रही है कि क्या प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन हुआ है।
मानदंडों के उल्लंघन पर कार्यवाई की संभावना
प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा-4 प्रभुत्व के दुरुपयोग से संबंधित है जो शोषणकारी या बहिष्करणकारी हो सकता है। शोषणकारी का तात्पर्य अत्यधिक मूल्य निर्धारण जैसे कृत्यों से है जबकि बाजार पहुंच से वंचित करना बहिष्करणकारी खंड के अंतर्गत आता है। नियमों के अनुसार सीसीआई सबसे पहले उपलब्ध जानकारी की विस्तृत जांच करके यह निष्कर्ष निकालता है कि क्या प्रतिस्पर्धा मानदंडों के उल्लंघन के प्रथम दृष्टया प्रमाण मौजूद हैं। प्र
थम दृष्टया उल्लंघनों के प्रमाण मिलने पर ही नियामक इस मामले की जांच का आदेश देता है।किसी इकाई का प्रभुत्व में होना प्रतिस्पर्धा-विरोधी नहीं है लेकिन यदि प्रभुत्व का दुरुपयोग होता है, तो यह प्रतिस्पर्धा के मानदंडों का उल्लंघन माना जाता है।
CCI का काम क्या है ?
CCI (Competition Commission of India) का मुख्य काम भारत में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा (fair competition) को बढ़ावा देना और उसे बनाए रखना है, ताकि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो सके और बाजार में व्यापार की स्वतंत्रता बनी रहे। इसका मुख्य काम है - प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं पर रोक, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, उपभोक्ता हितों की रक्षा, संयोजनों (Mergers) को मंजूरी देना और बाजारों में व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।