नई दिल्ली: यूक्रेन संकट समाप्त करने के लिए जल्द ही अमेरिका और रूस के बीच बैठक होने वाली है। बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी प्रधानमंत्री पुतिन इसको लेकर बातचीत कर सकते हैं। बीते दिनों इसको लेकर रियाद में अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई थी। जिसमें यूक्रेन को दूर रखा गया था। बताया जाता है कि इस बैठक में भी यूक्रेन के प्रधानमंत्री जेलेंस्की को शामिल नहीं किया जाएगा।
इधर, दूसरी तरफ ट्रंप की अनदेखी के बावजूद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संकेत दिए हैं कि शांति की संभावनाओं को खुला रखने के लिए वो तैयार हैं। खासकर अगर चीन जैसे प्रभावशाली खिलाड़ी शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार हो।
इस बीच जेलेंस्की ने यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच बीते दिनों हुई एक बैठक का हवाला देते हुए यूक्रेन को लेकर चीन के बदलते रूख को स्वीकार किया है। इस बैठक में यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने भी भाग लिया था।
उन्होंने संकेत दिया कि बीजिंग पहली बार पुतिन पर दबाव डाल सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम पुतिन को युद्ध खत्म करने के लिए चीनी अधिकारियों के साथ जुड़ें।
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के पूर्व सैन्य अधिकारी और डिफेंस एक्सपर्ट झोउ बो ने डी डब्ल्यू न्यूज को बताया कि डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से शांति स्थापित करने में मदद करने के लिए कहा। उनका कहना है कि चीन भारत सहित अन्य प्रमुख शक्तियों के साथ मिलकर न सिर्फ यूक्रेन, बल्कि रूस को भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि शांति स्थापना के लिए चीन के साथ-साथ भारतीय सैनिकों की तैनाती को सबसे बेहतरीन विकल्प बताया। उनका मानना है कि यूरोपीय सेनाओं की मौजूदगी अवास्तविक है और रूस इसे नाटो का ही एक तरीका मानेगा।