

नई दिल्ली - बैंकर मार्क कार्नी कनाडा के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। रविवार को उन्हें लिबरल पार्टी का नया नेता चुना गया, जिससे वे जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे, जिन्होंने जनवरी में पद से इस्तीफा दिया था। 59 वर्षीय कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व चुनाव में भारी जीत दर्ज की, उन्हें 85.9 फीसदी वोट मिले। इस चुनाव में उनके मुकाबले में पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड भी थीं, लेकिन उन्हें मात्र आठ प्रतिशत वोट मिले।
क्या कहा मार्क कार्नी ने ?
अपनी जीत के बाद मार्क कार्नी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,"हमारी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। ट्रंप हमारे उत्पादों और जीवनयापन के तरीके पर अनुचित टैरिफ लगा रहे हैं। वे कनाडा के व्यवसायों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे। कनाडा भी अपने जवाबी टैरिफ जारी रखेगा।" कार्नी ने आगे कहा, "हमने इस टकराव की शुरुआत नहीं की थी, लेकिन अब कनाडाई इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। जिस तरह हम हॉकी में अमेरिका को हराते हैं, वैसे ही व्यापार में भी जीत हासिल करेंगे।"
मार्क कार्नी के पास कितना अनुभव है ?
मार्क कार्नी एक अनुभवी अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने वॉल स्ट्रीट में काम करने के साथ-साथ बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी हासिल की, जब वे 1694 में स्थापित बैंक ऑफ इंग्लैंड के पहले गैर-ब्रिटिश गवर्नर बने। इसके अलावा, 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान कनाडा की अर्थव्यवस्था को अन्य देशों की तुलना में तेजी से पटरी पर लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसके लिए उनकी व्यापक रूप से सराहना की गई थी।
गोल्डमैन सैक्स में भी कर चुके हैं काम
मार्क कार्नी पहले गोल्डमैन सैक्स में कार्यकारी पद पर रह चुके हैं। बैंक ऑफ कनाडा में 2003 में डिप्टी गवर्नर नियुक्त होने से पहले, उन्होंने लंदन, टोक्यो, न्यूयॉर्क और टोरंटो में कुल 13 वर्षों तक काम किया। इस साल जनवरी में जब उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की, तब से ही उन्हें कैबिनेट मंत्रियों और संसद सदस्यों का समर्थन मिल रहा था। कार्नी ने लंबे समय से राजनीति में आने और प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जताई थी, हालांकि उनका सीधा राजनीतिक अनुभव सीमित रहा है।