इंडिगो पर कार्रवाई, उड़ानों में पांच प्रतिशत की कटौती

इंडिगो ने दो दिसंबर से अबतक 4,000 से भी अधिक उड़ानें रद्द की हैं जिससे हजारों यात्रियों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी।
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मुंबईः विमानन नियामक डीजीसीए ने परिचालन संकट से गुजर रही एयरलाइन इंडिगो को सर्दियों के दौरान अधिक मांग वाले मार्गों पर नियोजित उड़ानों में पांच प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की सेवाओं को सुव्यवस्थित करने की कोशिश कर रहा है। कड़े सुरक्षा नियमों के लिए योजना बनाने में नाकाम रहने की वजह से इंडिगो को देश भर में हजारों उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं।

डीजीसीए ने आठ दिसंबर के अपने आदेश में इंडिगो को बुधवार तक संशोधित उड़ान कार्यक्रम प्रस्तुत करने को कहा। नवीनतम आदेश अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का हिस्सा है। वित्त वर्ष 2025-26 के शीतकालीन कार्यक्रम के तहत विमानन कंपनी प्रतिदिन 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित कर रही है।

चार सदस्यीय कमेटी ने जांच कर रिपोर्ट दी

इंडिगो ने दो दिसंबर से 4,000 से भी अधिक उड़ानें रद्द की हैं जिससे हजारों यात्री फंस गए हैं। इससे उनकी छुट्टियों की योजनाएं, महत्वपूर्ण बैठकें व शादियां तक प्रभावित हुईं। विमानन कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 65 प्रतिशत से अधिक है। डीजीसीए ने इससे पहले इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) को व्यवधानों के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। साथ ही खामियों की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन भी किया है।

नियामक ने नए नोटिस में कहा कि इंडिगो के शीतकालीन कार्यक्रम से पता चलता है कि विमानन कंपनी ने पिछले साल की तुलना में अपनी उड़ानों में 9.66 प्रतिशत की वृद्धि की है जबकि ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम की तुलना में यह वृद्धि 6.05 प्रतिशत है।

एकल-उड़ान संचालन से बचने का निर्देश

नोटिस में कहा गया, ‘‘हालांकि, विमानन कंपनी ने इन सेवाओं के कुशलतापूर्वक निर्वहन की क्षमता प्रदर्शित नहीं की। इसलिए, सभी क्षेत्रों में खासकर उच्च मांग वाले मार्गों पर उड़ानों को पांच प्रतिशत तक कम करने और इंडिगो द्वारा एक क्षेत्र पर एकल-उड़ान संचालन से बचने का निर्देश दिया जाता है।’’

इस बीच, नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि किसी भी विमानन कंपनी को...चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, योजना की विफलताओं एवं नियमों का पालन न करने के कारण यात्रियों को परेशानी में डालने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कड़ी एवं उचित कार्रवाई की जाएगी।’’

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