नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर या पर्दे में आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान ‘गरिमापूर्ण’ तरीके से सत्यापित करने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि ‘पर्दा-नशीं’ महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महिला मतदान अधिकारियों या परिचारिकाओं की उपस्थिति में ‘गरिमापूर्ण तरीके से उनकी पहचान’ सत्यापित करने के उसके निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्रों पर विशेष व्यवस्था की जाएगी और उनकी गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी।
बुर्का पहनी महिलाओं की ऐसे होगी पहचान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए सोमवार को एक सम्मेलन में कहा था कि बुर्का पहनकर आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान सत्यापित करने में मदद के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बिहार के सभी मतदान केंद्रों पर मौजूद रहेंगी। ज्ञानेश कुमार ने घूंघट और बुर्का पहनी महिलाओं के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि मतदान केंद्रों के अंदर पहचान सत्यापित करने के बारे में आयोग के स्पष्ट दिशानिर्देश हैं और उनका सख्ती से पालन किया जाएगा।
90 हजार आंगनवाड़ी सेविकाओं को लगाया जाएगा
उन्होंने कहा कि बुर्काधारी महिलाओं की पहचान सत्यापित करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर हमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तैनात रहेंगी। आयोग के दिशानिर्देश इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट हैं कि मतदान केंद्र के अंदर पहचान कैसे सत्यापित की जाती है और उनका सख्ती से पालन किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को कहा था कि 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाओं को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा।
दिलीप जायसवाल ने किया था आग्रह
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पिछले शनिवार को आयोग से आग्रह किया था कि बुर्का पहनकर मतदान केंद्रों पर आने वाली महिलाओं के चेहरों का मिलान मतदाता पहचान पत्रों से किया जाए। बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होंगे और मतगणना 14 नवंबर को होगी।