रक्षाबंधन के धागे को तोड़ती हैं सालियां
हिमाचल के मंडी जिला के सराज क्षेत्र में रक्षा बंधन के साथ जुड़ी एक अनोखी परंपरा है जिसमें बहन की ओर से बांधे गए रक्षाबंधन के धागे को सालियां तोड़ती हैं। यह परंपरा भी जीजा और साली के रिश्ते की तरह मस्ती भरी है। इस रिवाज के अनुसार जीजा को अपनी बहन की ओर से बांधे गए रक्षाबंधन के धागे की हर हाल में रक्षा करनी होती है ताकि वह अपनी बहन को दिए रक्षा के वचन की मर्यादा को निभा सके। वहीं, सालियां इस फिराक में रहती हैं कि वे मौका मिलने पर जीजा की कलाई पर बंधे रक्षा के धागे को तोड़ दे। इसके लिए उन्हें छल और बल का सहारा लेना पड़ता है। रक्षा का धागा तोड़ने का क्रम जन्माष्टमी तक जारी रहता है।
रिवाज में छिपा है बड़ा संदेश
इस दौरान अगर कोई इस धागे को बचाने में सफल होता है, तो वह सायर वाले दिन पूजन के समय स्वयं इस धागे को तोड़ कर सायर को समर्पित करता है। ऐसा माना जाता है कि सालियों द्वारा रक्षाबंधन के इस पवित्र धागे को तोड़ने के पीछे यह भी तर्क हो सकता है कि बहन ने जिस उम्मीद और विश्वास के साथ भाई की कलाई पर रक्षाबंधन का धागा बांधा है, वह उसकी रक्षा के लिए कितना सतर्क और समर्पित है। एक तरह से सालियां अपने जीजा की सतर्कता का इम्तिहान लेती हैं, कि वह अपने कर्तव्य के प्रति कितना निष्ठावान है।
रक्षा बंधन के अजीबोगरीब रिवाज
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