कोलकाता : कल यानी मंगलवार से सावन मास की शुरुआत हो रही है। इस माह में देवों के देव महादेव भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है। कहते हैं सावन का महीना शिवजी को अति प्रिय है। पूरे सावन प्रतिदिन शिवलिंग पर जल अर्पित करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। वहीं जो कुंवारी कन्याएं सावन में शिव शंकर की उपासना करती हैं, उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। बता दें कि इस साल अधिकमास लगने के कारण सावन एक नहीं बल्कि दो महीने का रहेगा। 4 जुलाई से शुरू हुआ सावन 31 अगस्त 2023 को खत्म होगा।
सावन का महत्व
सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। सावन महीने को शिव भक्ति के लिए जाना जाता है। इस दौरान चारों तरफ भोले बाबा के नाम की गूंज सुनाई देती है। शिव भक्त इस दौरान पूरी तरह से शिव की साधना में लीन होते हैं। कहते हैं माता पार्वती ने भी शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए सावन महीने में ही कठोर तप किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। अच्छे वर की प्राप्ति के लिये इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए। सावन में शिव-गौरी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही दांपत्य जीवन भी सुखमय और खुशहाल रहता है।
- सावन के पहले दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहन लें।
- अब मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें।
- फिर एक चौकी पर थाली में शिवलिंग को रखकर उनपर जल, गंगा जल, और दूध अर्पित करें।
- अब शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाएं। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, फल, फूल और मेवा चढ़ाएं। (तुलसी शिवजी पर गलती से भी अर्पित न करें)
- शिवजी को सफेद फूल प्रिय है तो संभव हो यहीं उन्हें अर्पित करें।
- फिर शिवलिंग के सामने धूप और दीया जलाएं। शिव चालीसा का पाठ करें।
- पूजा के आखिर में शिवजी की आरती जरूर करें।
- पूजा के बाद शिव मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- अगर संभव हो तो आप कल के दिन किसी शिव मंदिर में अवश्य जाएं।