कोलकाता: गोवर्धन पूजा, जो दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस वर्ष यह पर्व आज यानी 2 नवंबर को मनाया जाएगा। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है और भगवान कृष्ण का अन्नकूट व्रत किया जाता है। आपको बता दें कि जो लोग गोवर्धन पूजा करते हैं वो लोग गोवर्धन पर्वत बनाते हैं और गायों की पूजा भी करते हैं। गाय पूजन इस दिन बहुत शुभ माना जाता है।
गोवर्धन पूजा की कथा
गोवर्धन पूजा के दौरान एक महत्वपूर्ण कथा सुनाई जाती है, जो इस पूजा के महत्व को दर्शाती है। कहा जाता है कि एक बार गोकुल के निवासियों ने भगवान कृष्ण की प्रेरणा से अन्नकूट की पूजा करने का निर्णय लिया। इससे पहले वे सभी इंद्र देव की पूजा करते थे, जिसके कारण इंद्र देव बहुत नाराज हो गए और उन्होंने मूसलधार बारिश शुरू कर दी। गोकुलवासियों को संकट में देख, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर सभी को उसकी छांव में सुरक्षित कर लिया। इस अद्भुत लीला को देखकर इंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान कृष्ण से माफी मांगी। तभी से हर साल गोवर्धन पर्वत की पूजा का आयोजन किया जाने लगा। इस दिन गोवर्धन पूजा के साथ-साथ गायों की भी पूजा की जाती है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं।
पूजा का समय
इस वर्ष गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:34 से लेकर रात 8:46 तक रहेगा। कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर को शाम 6:06 बजे से आरंभ होकर 2 नवंबर को रात 8:21 बजे तक चलेगी। इस दौरान भक्तजन परिवार सहित गोवर्धन महाराज और भगवान कृष्ण की पूजा कर सकते हैं। इस दिन विशेष रूप से अन्नकूट का भोग भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है, और इसके प्रसाद का वितरण किया जाता है, जिससे यह पर्व और भी खास बन जाता है।