उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महा पर्व छठ सम्पन्न | Sanmarg

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महा पर्व छठ सम्पन्न

Chhath_puja

कोलकाता : उगा हे सूरज देव भेल भिनसरवा, अरघ केरे बेरवा पूजन केरे बेरवा हो, इस गीत के साथ उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व छठ का समापन हो गया। इस मौके पर कोलकाता सहित पूरे बंगाल के अधिकतर जिले मिनी बिहार में तब्दील हो गये। चाहे वह शिल्पांचल का आसनसोल, रानीगंज, बर्दवान, सिलीगुड़ी हो या दार्जिलिंग या फिर कोलकाता हर तरफ बस छठव्रती और छठ पूजा में शामिल श्रद्धालु दिख रहे थे। जिन इलाकों से घाट दूर थे, वहां के लोगों ने कृत्रिम घाटों व जलाशयों में जाकर पूजा-अर्चना की। लग रहा था कि मानों पूरा बंगाल ही छठ घाटों पर उमड़ गया हो। सभी ने अस्ताचल और उदयमान सूर्य को अर्घ्य देकर मां छठ की उपासना की और आशीष मांगा।

गुरुवार की शाम और शुक्रवार की सुबह गाजे-बाजे के साथ सैकड़ों श्रद्धालु छठ घाटों पर पहुंचे और सूर्य भगवान को जल व अर्घ्य दिया। मिनी बिहार कहे जाने वाले हावड़ा के तेलकल, रामकृष्णपुर समेत अन्य घाटों पर भी पैर रखने तक की जगह नहीं थी। वहीं दक्षिण कोलकाता तथा बेहला के अधिकतर लोगों ने उसी इलाकों के कृत्रिम घाटों व जलाशयाें में लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया। रवींद्र सरोवर के बंद होने के कारण कालीघाट व आस-पास के जलाशयों में लोग पूजा-अर्चना करते नजर आये। न्यू अलीपुर के टेम्पल लेन रोड के रहने वाले सैंकड़ों लोगों ने वहीं पूजा-अर्चना की।

उत्तर व द​क्षिण कोलकाता के इन जलाशयों में भारी भीड़ रही

दक्षिण कोलकाता के कई इलाकों में बेहला, सोदपुर, हरदेवपुर, न्यूअलीपुर सहित कई इलाकों में लोगों को पूजा – अर्चना करते देखा गया। गुरुवार और शुक्रवार को कोलकाता पुलिस के 5 हजार पुलिस कर्मियों की तैनातगी रहीं। सुरक्षा व्यवस्था का दायित्व 25 से अधिक डीसी रैंक के अधिकारियों के जिम्मे था। महानगर के 135 घाटों और जलाशयों पर अर्घ्य दिया गया। ऐसे में सभी घाटों और जलाशयों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात थे। वहीं घाटों पर अर्घ्य देने के दौरान गंगा नदी में जाने वाले श्रद्धालु ज्यादा गहरे नदी में न जाएं यह सुनिश्चित करने के लिए सभी घाटों पर रिवर ट्रैफिक पुलिस नजरदारी रखी गयी थी। इसी तरह उत्तर कोलकाता के विभिन्न घाटों पर भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। यहां काशीपुर, बेलगछिया, दमदम, लेकटाउन, बांगुर समेत अन्य इलाकों में काफी संख्या में लोग घाटों पर उमड़े।

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