बढ़ती उम्र में याददाश्त कैसे बनाये रखें

बढ़ती उम्र में याददाश्त कैसे बनाये रखें
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हमारी मस्तिष्क की क्षमता हरे पदार्थों पर निर्भर करती है। आज के वातावरण के अनुसार हमने हरे पदार्थों को खाना छोड़कर रेडिमेड फास्ट फूड की ओर ध्यान देना प्रारंभ कर दिया है। फलस्वरूप मस्तिष्क की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे कमजोर पड़ते हुए बंजर बनती चली जा रही है। यही कारण है कि वृद्धावस्था आते-आते हमारी स्मरण शक्ति एकाएक शिथिल हो जाती है।

विटामिन B काॅम्पलेक्स

मस्तिष्कीय कार्य क्षमता के लिये विटामिन B काॅम्पलेक्स बहुत आवश्यक होता है क्योंकि इसके अभाव से स्मरण शक्ति घटती है। निम्नांकित विटामिन ‘बी’ मस्तिष्क की क्षमता वृद्धि के लिये अत्यन्त आवश्यक हैं-

थायमिन B1:- यह एक ऐसा विटामिन है जिसकी कमी से हाल ही में हुई घटनायें याद नहीं रहतीं। मोटे चावल, गेहूं, ज्वार और बाजरा में थायमिन ‘बी-1’ की काफी मात्रा प्राप्त होती है।

पाइरोडाक्सिन B-6:- यह मस्तिष्क के लिये सबसे उपयोगी विटामिन है। यह विटामिन खमीर, अनाज व दालों, चुकन्दर व हरी सब्जियों में पाया जाता है।

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विटामिन B12- इस विटामिन की कमी का कारण मुख्य रूप से अनीमिया का होना होता है यह कुछ सीमा तक दूध में भी पाया जाता है। सोयाबीन का प्रयोग काफी लाभदायक होता है।

कोलिनः- यह वह विटामिन है जिससे मस्तिष्क के पढ़ने और स्मरण करने की शक्ति बढ़ती है। सोयाबीन तथा पनीर में इसकी भरपूर मात्रा पायी जाती है।

लेसीथिनः- ‘लेसीथिन’ स्मरण शक्ति बनाये रखने में सहायक होती है और मस्तिष्कीय कोषों को क्षतिग्रस्त होने से बचाती है। मक्खन, मक्का, दूध, जौ, सोयाबीन आदि ‘लेसीथिन’ के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।

Summary

मस्तिष्क की कार्य कुशलता को बनाये रखने के लिए यह आवश्यक है कि योजनाबद्ध तरीके से मस्तिष्क का उपयोग किया जाये क्योंकि यदि इसका उपयोग न किया जायेगा तो ‘उपयोग करो अन्यथा खो दो’ के सिद्धान्त पर मस्तिष्क की क्षमता घटती चली जाती है...

अन्य विटामिन

राइबोफ्लेविन, फोलिक अम्ल तथा विटामिन C भी मस्तिष्क की क्षमता को बनाये रखने में उपयोगी पाये जाते हैं।

राइबोफ्लेविन का मुख्य स्रोत दूध, अनाज व दाल होता है। खमीर में फोलिक अम्ल तथा हरी पत्तीदार साग-पात, अमरूद, संतरा, मीठा नींबू, हरी मिर्च व आंवला में विटामिन C की भरपूर मात्रा पायी जाती है।

निम्नांकित कार्यों को करते रहना चाहिए

●खूब अध्ययन कीजिए ताकि मस्तिष्क का उपयोग होता रहे।

●सीखने की प्रवृत्ति विकसित कीजिये।

●सामान्य व्यक्ति बने रहने का प्रयत्न कीजिये।

●कुछ नया करने का प्रयास कीजिये।

●कभी खाली मत बैठिये।

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