

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने साल्टलेक स्थित भाजपा कार्यालय में शनिवार को प्रेस को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि बंगाल की सबसे बड़ी समस्या 'संस्थागत भ्रष्टाचार' है, जो सरकार के हर स्तर पर फैला हुआ है। साथ ही उन्होंने बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, शिक्षा संकट और तुष्टिकरण की राजनीति को भी राज्य के पतन का कारण बताया। अधिकारी ने कहा कि मीडिया सनसनीखेज खबरों पर ध्यान देता है, जिससे मूल समस्याएँ छिप जाती हैं। सत्तारूढ़ दल को यह स्थिति रास आती है क्योंकि इससे जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटता है।
SIR का किया था समर्थन
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया को लेकर दोहरा रवैया अपना रही है। मुख्यमंत्री एक जगह कुछ कहती हैं और दूसरी जगह जाकर पलट जाती हैं। अधिकारी ने दावा किया कि तृणमूल ने सर्वदलीय बैठक में एसआईआर का समर्थन किया था, पर अब विरोध कर रही है।
CAA विरोध और NRC का भ्रम फैलाया
अधिकारी ने कहा कि 2019 में सीएए के विरोध में हिंसा भड़काने में तृणमूल नेताओं की भूमिका रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 2021 में ममता बनर्जी ने सीएए को एनआरसी से जोड़कर झूठा डर फैलाया और अब एसआईआर को लेकर भी वही रणनीति अपनाई जा रही है।
मतदाता सूची शुद्धिकरण पर आयोग की सराहना
अधिकारी ने चुनाव आयोग द्वारा आधार लिंकिंग और रिकॉर्ड सत्यापन की प्रक्रिया को सराहा और कहा कि इससे मृत मतदाताओं के नाम हटाने में मदद मिलेगी।
अवैध प्रवासियों को तृणमूल का संरक्षण
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कार्यकर्ता खुद पैसों के बदले अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की पहचान कर सकते हैं, जिससे स्पष्ट है कि राज्य में राजनीतिक संरक्षण के तहत यह गतिविधियाँ चल रही हैं। कई जगहों पर बांग्लादेशी नागरिक भारतीय दस्तावेज के साथ पकड़े जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है लेकिन सत्तारूढ़ दल वोटबैंक की खातिर इसे छिपाने में लगा है।
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