

कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट की निर्देशिका के अनुपालन के तहत कोलकाता नगर निगम (KMC) आवारा कुत्तों के पुनर्वास के लिए एक नयी पहल करने जा रहा है। मंगलवार को केएमसी मुख्यालय में पब्लिक सेफ्टी विभाग की बैठक में निर्णय लिया गया कि धापा में एक ओपन एरिया ईको-फ्रेंडली डॉग पॉण्ड तैयार किया जाएगा।
इस डॉग पॉण्ड में करीब 4 से 5 हजार आवारा कुत्तों को रखने की व्यवस्था होगी। स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद सदस्य और डिप्टी मेयर अतिन घोष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जिन क्षेत्रों को आवारा कुत्तों से मुक्त करने के लिए कहा गया है, वहां से कुत्तों को इस नये डॉग पॉण्ड में स्थानांतरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह डॉग पॉण्ड धापा डंपिंग ग्राउंड के समीप वेटलैंड एरिया में बनाया जाएगा। यह पूरी तरह संरचनारहित और पर्यावरण-अनुकूल क्षेत्र होगा, जहां कुत्तों को खुला प्राकृतिक माहौल मिलेगा। भूमि आवंटन के बाद, वहां आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा ताकि जानवरों की देखभाल, भोजन और वैक्सीनेशन की समुचित व्यवस्था हो सके।
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उन्होंने कहा, ‘हमारा उद्देश्य न केवल आवारा कुत्तों को सुरक्षित ठिकाना देना है, बल्कि इस स्थान को भविष्य में लोगों के लिए एक दार्शनिक और जागरूकता स्थल के रूप में विकसित करना भी है।’
वेटेनरी ऑफिसरों की कमी से स्टरलाइजेशन प्रक्रिया हो रही बाधित
उन्होंने बताया कि फिलहाल महानगर में 18 एंटी-रेबीज वैक्सीन सेंटर चल रहे हैं, जहां न केवल कोलकाता बल्कि अन्य जिलों के लोग भी अपने कुत्तों को वैक्सीनेशन के लिए लाते हैं। गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों में कोलकाता में रेबिज से एक भी मौत दर्ज नहीं हुई है।
हालांकि, विभाग में वेटेनरी अधिकारियों की कमी के कारण नियमित स्टरलाइजेशन की प्रक्रिया बाधित हो रही है। फिलहाल प्रतिदिन औसतन केवल 10 कुत्तों का स्टरलाइजेशन हो पा रहा है, जबकि आवश्यकता 50 प्रतिदिन की है।
इस समस्या के समाधान के लिए केएमसी ने म्युनिसिपल सर्विस कमीशन को पांच नये वेटेनरी अधिकारियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा, सभी 144 वार्डों में विशेष स्टरलाइजेशन कैंप लगाने की योजना भी तैयार की जा रही है, जहां निजी डॉक्टरों को मानदेय के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।