150 साल पुराने 3 क्रिमिनल लॉ में हुए बदलाव, आम आदमी पर पड़ेगा ये असर | Sanmarg

150 साल पुराने 3 क्रिमिनल लॉ में हुए बदलाव, आम आदमी पर पड़ेगा ये असर

नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार(20 दिसंबर) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के कानून में कमी का फायदा उठाकर बचने वालों को तगड़ा झटका दिया है। समय के साथ-साथ कानून में बदलाव की जरूरत को महसूस कर केंद्र सरकार ने 150 साल पुराने तीन क्रिमिनल कानून में बदलाव कर दिया है। इसके लिए सदन में अमित शाह ने तीन विधेयक पेश किए। इन विधेयकों पर हुई बहस का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद क्रिमिनल जस्टिस के कानून का पहली बार मानवीकरण किया गया है। बता दें कि भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, सीआरपीएसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और एविडेंस एक्ट के बदले भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 को लोकसभा में बदलाव किया गया। इसके तहत कानून में अब कई तरह के बदलाव होंगे।

सड़क पर एक्सीडेंट कर भागने वालों की खैर नहीं

सड़क पर एक्सीडेंट करके भाग जाने वालों के लिए बड़ी खबर है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है और नए कानून के तहत अगर कोई शख्स रोड पर एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर ही छोड़ देता है तो उसे 10 साल की सजा होगी। वहीं अगर एक्सीडेंट करने वाला शख्स, घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी। इस कानून की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दी है।

शाह ने और क्या कहा?

शाह ने कहा कि पहली बार हमारे संविधान की स्पिरिट के हिसाब से कानून अब मोदी जी के नेतृत्व में बनने जा रहे हैं। 150 साल के बाद इन तीनों कानूनों को बदलने का मुझे गर्व है। कुछ लोग कहते थे कि हम इन्हें समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा। लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आएगा।’ शाह ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी, 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं, 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं, 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।’

 

 

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