नई दिल्ली: रेलवे में कर्मचारियों की भारी कमी के चलते रक्षण का काम प्रभावित हो रहा है। लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं के बाद, रेलवे अब निजी कंपनियों की मदद से मशीन-निर्भर रक्षण व्यवस्था स्थापित करने का सोच रहा है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने सभी जोनों को सलाह दी है।
निजी कंपनियों से मदद की उम्मीद….
सूत्रों के मुताबिक, ट्रेनें ज्यादा चलाने की वजह से ‘ब्लॉक’ (ट्रेन चलाना रोकना) करके रक्षण का समय कम हो गया है, और कर्मचारियों की कमी इस समस्या को और बढ़ा रही है। अब रेलवे यूरोप के विकसित देशों की तरह मशीनों और तकनीक पर आधारित रक्षण पर जोर देना चाहता है, खासकर ट्रैक के मामले में। रेलवे ने कहा है कि बेजरकारी संस्थाओं के जरिए ट्रैक की स्थिति जांचने और रक्षण का काम करवाया जाएगा। इसके लिए देशभर में एक जैसे मशीन और रक्षण का ढांचा बनाने की योजना है।
ट्रेन चालकों के लिए….
रेलवे ने लोको पायलटों के लिए विदेशी संस्थाओं से ट्रेन सिमुलेटर खरीदने का भी फैसला किया है। बेल्जियम, इटली और फ्रांस जैसे देशों से 17 ऐसे उपकरण खरीदे जा रहे हैं, जो चालकों को बेहतर प्रशिक्षण देने में मदद करेंगे। रेलवे के एक अधिकारी का कहना है, “यात्री और माल की ढुलाई करते समय रक्षण का काम करने का समय कम हो रहा है, और कर्मचारियों की संख्या भी घट रही है। इसलिए, उन्नत तकनीक का सहारा लेना बहुत जरूरी हो गया है।”