Tulsi Pujan Diwas: आज है तुलसी पूजन दिवस | Sanmarg

Tulsi Pujan Diwas: आज है तुलसी पूजन दिवस

कोलकाता : सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। ज्यादातर हिंदू घरों में तुलसी का पौधा जरूर मिलता है। लोग सुबह उठकर स्नान के बाद तुसली के पौधे को जल अर्पित करने के साथ ही पूजा पाठ करते हैं। इस पौधे पर भगवान विष्णु की कृपा होती है। तुलसी को घर में लगाने और पूजा अर्चना करने मात्र से ही नकारात्मकता दूर हो जाती है। व्यक्ति के जीवन में सुख और सौभाग्य आता है। वहीं तुलसी के लिए 25 दिसंबर बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है। धार्मिक मान्यतानुसार के अनुसार, इस दिन जो भी व्यक्ति तुलसी का पूजन करता है।माता लक्ष्मी की उस पर कृपा होती है। घर में सुख -समृद्धि के साथ ही बरकत बढ़ती है। आइए जानते हैं तुलसी पूजा की विधि, नियम और महत्व…

तुलसी पूजन का महत्व

तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र स्थान दिया गया है। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इतना ही नहीं द्वापर युग में श्री कृष्ण ने तुसली को अपनी सखी माना था। वहीं वह श्री हरि की प्रिय हैं। ऐसे में तुसली की पूजा करना विशेष फल देता है। ज्यादातर हिंदू घरों में तुलसी का पौधा जरूर होता है। सनातन धर्म में तुलसी की पूजा के लिए एक दिन निर्धारित किया गया है। इसे तुलसी पूजा दिवस का नाम दिया गया है। इस बार तुलसी पूजा दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला है। इस दिन तुलसी का नया पौधा लगाना चाहिए। पौधे को जल अर्पित करने के साथ ही पूजा अर्चना करें। इससे परिवार खुशहाली आती है। इस पौधे की पत्तियां खाने से कई सारी बीमारियां खत्म हो जाती है।

जानें तुलसी पूजा के नियम

तुलसी पूजा के लिए हर सुबह उठकर स्नानादि करें। इसके बाद जल अर्पित करें। तुलसी के पौधे पर सिंदूर और रोली का टीका लगाएं। पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। साथ ही तुलसी स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही तुलसी जी की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं। अंत में तुलसी मां के सामने अपनी मनोकामना रखें। ऐसा करने से जल्द ही मनोकामना पूर्ण होती है।तुलसा जी का आर्शीवाद प्राप्त होता है।

तुलसी पूजन पर करें ये काम

तुलसी पूजन दिवस पर तुलसी जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह स्नानादि के बाद तुलसी जी का नया पौधा लगाएं। अगर घर में पौधा पहले से है तो उसकी भी पूजा कर सकते हैं। हालांकि तुलसी के सुखे पौधे को निकाल देना चाहिए। तुलसी के पौधे की विधिवत पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना माता तुलसी के समक्ष रखें। ऐसा करने से जल्द ही सभी कामनाएं पूर्ण होती है। इस दिन नामाष्टक वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी। एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता। का पाठ जरूर करें।

 

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