आखिरी साल के औसत वेतन का 50% मिलेगा, 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा फायदा, 1 अप्रैल, 2025 से लागू
नयी दिल्ली (दिल्ली ब्यूरो) : केंद्र ने अपने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए शनिवार को नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (यूपीएस) को मंजूरी दे दी। इससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। यूपीएस के तहत सेवानिवृत्ति के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी जरूर मिलेगा। यूपीएस 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी और यह उन कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी, जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी, 2004 के बाद हुई व रिटायर हो चुके हैं।
एनपीएस और यूपीएस में से एक चुनने का विकल्प : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह एक वैकल्पिक स्कीम होगी। केंद्रीय कर्मचारियों के पास से एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा। नयी स्कीम उन कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी। इसके तहत अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया है तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी जरूर मिलेगा।
सरकारी खजाने पर 6000 करोड़ का बोझ : वैष्णव ने बताया कि कर्मचारियों को अंशदान की जरूरत नहीं होगी, सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी के मूल वेतन (बेसिक सेलरी) का 18.5% अंशदान देगी और इसमें फैमिली पेंशन, गारंटीशुदा न्यूनतम पेंशन और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान के भी प्रावधान किये गये हैं। एनपीएस में कर्मचारी को 10% अंशदान देना होता है। सरकार 14 प्रतिशत देती है। उन्होंने बताया कि यूपीएस से सरकारी खजाने पर पहले साल 800 करोड़ का बोझ पड़ेगा और उसके बाद करीब 6000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
बायो ई3 पॉलिसी और विज्ञान धारा स्कीम को मंजूरी : बैठक में बायो ई3 नीति और 11-12वीं के छात्रों को इंटर्नशिप वाली विज्ञान धारा स्कीम को भी मंजूरी दे दी गयी।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम : खास बातें
• 25 साल तक नौकरी करने वाले को रिटायरमेंट से पहले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जायेगा
• इस पेंशन के हकदार वही होंगे जो कम से कम 10 साल नौकरी करेंगे। दस साल की नौकरी के बाद अगर कोई नौकरी छोड़ता है तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे
• कर्मचारी की मृत्यु पर उसकी पेंशन की 60% रकम परिवार को मिलेगी।
• रिटायर होने पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान भी किया जायेगा
• महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा। कर्मचारियों को अंशदान करने की जरूरत नहीं होगी। इसमें फैमिली पेंशन, गारंटीशुदा न्यूनतम पेंशन और रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त भुगतान के भी प्रावधान किये गये हैं
• हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन + डीए) का दसवां हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा।
• अगर 2004 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारी यूपीएस चुनते हैं तो उन्हें गणना के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर बनेगा, उतना दिया जाएगा।