अब महानगर के थानों के कबाड़ कम्प्यूटरों और टेबलों की होगी नीलामी

अब महानगर के थानों के कबाड़ कम्प्यूटरों और टेबलों की होगी नीलामी
Published on

थानों के कचरे को बेचकर राजस्व एक‌त्रित करेगी कोलकाता पुलिस
एसएसडी डिव‌िजन में चालू किया गया पाइलट प्रोजेक्ट
थानों में पड़े इन सामानों की होगी नीलामी
टूटे चेयर, टेबल, खराब कंप्यूटर, आलमारी, लाइट, पंखे, खराब वाहन सहित अन्य सामान हैं शामिल
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता पुलिस इन दिनों अपने फोर्स की बुनियादी समस्याओं को चिह्नित कर उन्हें दूर करने में लगी हुई है। पिछले साल कोलकाता पुलिस की विभिन्न शाखाओं और पुलिस कर्मियों को ड्यूटी के दौरान होने वाली समस्याओं को चिह्नित कर उन्हें दूर करने के लिए कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने एक रिसर्च एडं डेवलपमेंट विंग का गठन किया था। इस, आर एंड डी टीम का प्रभार कोलकाता पुलिस के ज्वाइंट सीपी (ओ) सैयद वकार रजा को दिया गया था। उनके अधीनस्थों डीसी और एक एसीपी रैंक के अधिकारी आर एंड डी टीम का काम देखते हैं। पिछले साल आर एंड डी टीम के कहने पर कोलकाता पुलिस ने मानसिक अवसाद से ग्रस्त पुलिस कर्मियों की काउंसिलिंग के लिए साइकेट्र‌िस्ट और काउंसिलर की नियुक्ति की थी। इसके बाद विभिन्न शहरों में रेड पर जाने वाले पुलिस कर्मियों को खर्च मुहैया कराने के लिए भी एक एसओपी तैयार किया। इसके तहत अब पुलिस कर्मियों को रेड के दौरान होने वाले उनके खर्च के रुपये मिल जाते हैं। अब कोलकाता पुलिस के आर एंड डी टीम ने महानगर के विभिन्न पुलिस स्टेशन में कचरे के रूप में मौजूद टूटे हुए चेयर, टेबल, आलमारी, कंप्यूटर सहित अन्य सामानों की नीलामी करने का फैसला लिया है। फिलहाल पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत कोलकाता पुलिस के जादवपुर डिविजन यानी एसएसडी डिविजन में किया जा रहा है। इस डिविजन में पूरी प्रक्रिया के सफल रहने पर कोलकाता पुलिस के अन्य डिविजनों में भी इसे लागू किया जाएगा।
कोलकाता पुलिस की आर एंड डी टीम ने तैयार किया है एसओपी
थानों के टूटे चेयर, टेबल और कंप्यूटर पार्ट्स को थाने के किसी कमरे में बंद करके रख दिया जाता है। इसके कारण थाने में गंदगी की भरमार के साथ एक कमरा भी बेवजह फंसा रहता है। ऐसे में कोलकाता पुलिस की आर एंड डी टीम ने तय किया कि सरकारी फंड से आने वाले इन सामानों की नीलामी करके उससे आने वाले राजस्व को सरकार के बैंक खाते में जमा कराया जाएगा। कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए एसओपी तैयार किया गया है। फिलहाल डिविजन स्तर पर इसकी शुरुआत की जा रही है। फिलहाल एसएसडी डिविजन के विभिन्न थानों को उनके थाने में मौजूद खराब व परित्यक्त सामानों की सूची बनाकर डिविजनल डीसी को भेजने के लिए कहा गया है। एक बार डिविजन के सभी थानों की सूची प्राप्त होने पर डिविजनल डीसी की तरफ से लालबाजार को पूरी सूचना भेजी जाएगी। इसके बाद लालबाजार की तरफ से उन सामानों की नीलामी के लिए टेंडर आमं‌त्रित किया जाएगा। टेंडर के जरिए बोली जीतने वाले व्यक्ति को उन सामानों को दिया जाएगा। कोलकाता पुलिस के अधिकारी ने बताया कि सरकारी फंड से आने वाले सामानों की नीलामी के जरिए आने वाले रुपये को वापस सरकार के पास पहुंचाना ही इस प्रोजेक्ट का मुख्य लक्ष्य है। अगर एसएसडी जिविजन में प्रोजेक्ट सफल रहा तो उसे बाकी डिविजनों में भी लागू किया जाएगा।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in