कोलकाता : साल्टलेक के ऐके ब्लॉक पूजा आयोजकों ने इस वर्ष 37वीं वर्षगांठ पर एक अनोखी पहल की है, जिसमें बारिश के पानी के महत्व को एक सुरीले संगीत के माध्यम से दर्शाया जा रहा है। इस वर्ष की पूजा का मुख्य विषय “बारी बिंदु” है, जिसका उद्देश्य बारिश के पानी को संजोकर रखना और रेन हार्वेस्टिंग के जरिए इसे पाताल लोक में पहुंचाना है।
जल का महत्व
आयोजकों का मानना है कि “जल ही जीवन है,” और इस जीवन की रक्षा के लिए पानी का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने दर्शकों को जागरूक करने का निर्णय लिया है कि कैसे बारिश के पानी को सुरक्षित किया जाए। पूजा पंडाल में विभिन्न धातुओं जैसे अल्युमिनियम, स्टील, तांबा, पीतल और प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग कर एक सुरीली धुन बनाई जा रही है, जो बारिश के पानी की आवाज को संगीत में बदल देती है।
हजारों की भीड़
इस अनोखे प्रदर्शन को देखने के लिए प्रतिदिन हजारों लोग तालाब में जुट रहे हैं। आयोजन के दौरान, लोगों को यह बताया जा रहा है कि बारिश का पानी जमीन पर गिरने से पहले बर्तनों में गिरकर किस प्रकार सुरीली धुन उत्पन्न कर रहा है। साथ ही, जल के पाताल में प्रवेश के महत्व पर भी जागरूकता फैलाई जा रही है।
जल संकट की चेतावनी
आयोजकों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि हमारे द्वारा उपयोग किए जा रहे पानी की भरपाई नहीं हो रही है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। उन्होंने चेताया है कि यदि मानव समाज जल के प्रति जागरूक नहीं हुआ, तो भविष्य में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग का संदेश
आयोजकों ने बताया कि बारिश का पानी अक्सर कंक्रीट की सड़कों पर गिरकर नदी में मिल जाता है, जिससे यह पाताल लोक में नहीं जा पाता। इस समस्या के समाधान के लिए, उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि जल स्तर को सही मात्रा में बनाए रखा जा सके। इस प्रकार, ऐके ब्लॉक पूजा न केवल धार्मिक समारोह है, बल्कि यह जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गई है।