मोदी ने किया ‘बीमा सखी योजना’ का शुभारंभ | Sanmarg

मोदी ने किया ‘बीमा सखी योजना’ का शुभारंभ

पानीपत (हरियाणा) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी की ‘बीमा सखी योजना’ का सोमवार को शुभारंभ करने के बाद यहां आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में रक्षा, बैंकिंग और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। महिलाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर दिया जाना देश के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सामने से हर बाधा को हटाया जाना आवश्यक है। जब महिलाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है तो वे देश के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलती हैं। लंबे समय तक देश में कई ऐसे काम थे, जो महिलाओं के लिए वर्जित थे, लेकिन भाजपा सरकार ने उनके रास्ते में आने वाली हर बाधा को दूर करने का संकल्प लिया है। हरियाणा की भाजपा सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में राज्य के विकास के लिए तिगुनी रफ्तार से काम करेगी।

देशभर में 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं : उन्होंने कहा कि देशभर में 10 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। पिछले 10 वर्षों में सरकार ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक की सहायता दी है।

विपक्ष महिलाओं को केवल वोट बैंक समझता है : मोदी ने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की पहलों का जिक्र करने के साथ विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग हर चीज को वोट बैंक के तराजू पर तौलते हैं, वे यह समझने में विफल रहे हैं कि मोदी के प्रति देश में महिलाओं का समर्थन क्यों बढ़ रहा है। जो लोग माताओं और बहनों को केवल वोट बैंक समझते थे, वे इस मजबूत रिश्ते को नहीं समझ पाएंगे।

1.15 करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनीं : मोदी ने कहा कि लगभग 1.15 करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और उन्होंने तीन करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा है। ‘लखपति दीदी’ स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की ऐसी सदस्य हैं, जिनकी वार्षिक घरेलू आय एक लाख रुपये से अधिक हो चुकी है।

बागवानी विवि के मुख्य परिसर की आधारशिला रखी : इस अवसर पर मोदी ने करनाल के महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की आधारशिला भी रखी। मुख्य परिसर और छह क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशन 495 एकड़ में फैले हुए हैं, जिनकी स्थापना 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से की जाएगी। विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए बागवानी का एक कॉलेज और 10 बागवानी विषयों पर केंद्रित पांच स्कूल होंगे। यह बागवानी प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए फसल विविधीकरण और विश्वस्तरीय अनुसंधान की दिशा में काम करेगा।

‘बीमा सखी योजना’ की विशेषताएं

-यह भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा शुरू की गई पहल।

-तीन साल में दो लाख महिलाओं को नियुक्त किया जाएगा।

-पात्रता: 18-70 वर्ष की महिलाएं, जिन्होंने दसवीं कक्षा पास की हो।

-वित्तीय साक्षरता और बीमा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इन महिलाओं को पहले तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण और मानदेय दिया जाएगा।

-पहले वर्ष में 7,000 रुपये, दूसरे में 6,000 रुपये, तीसरे में 5,000 रुपये प्रति माह मानदेय।

-बीमा सखियों को कमीशन भी मिलेगा।

-प्रशिक्षण के बाद महिलाएं एलआईसी एजेंट के रूप में काम कर सकेंगी।

-स्नातक बीमा सखियों को एलआईसी में विकास अधिकारी बनने का अवसर मिलेगा।

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