पुलिस को नये सिरे से रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : चुनाव बाद हिंसा के मामले में पिटिशनर को अभी तक मुआवजा क्यों नहीं मिला है। हाई कोर्ट के जस्टिस जय सेनगुप्त ने राज्य सरकार से सवाल किया है। इस बाबत पुलिस की तरफ से दाखिल रिपोर्ट को नाकाफी बताते हुए नये सिरे से रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। यहां गौरतलब है कि हाई कोर्ट के लार्जर बेंच ने विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा से प्रभावित होने वाले लोगों को मुआवजा देने का आदेश दिया था।
जस्टिस सेनगुप्त ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस की तरफ से दाखिल रिपोर्ट को पढ़ने के बाद ऐसा कहीं से नहीं लगता है कि पिटिशनर को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कोई पहल की गई है। जबकि इस दिशा में कार्य करने के लिए 18 जुलाई को स्पष्ट आदेश दिया गया था। एडवोकेट अरुण माइती ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में हाई कोर्ट के लार्जर बेंच ने 2021 में 19 अगस्त को आदेश दिया था कि जिन लोगों की संपत्ति आदि नष्ट हुई है उन्हें 50 हजार रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे। एडवोकेट माइती ने बताया कि राहुल अमीन मंडल ने यह रिट दायर की है। वह उत्तर 24 परगना के फलता का रहने वाला है और वह भाजपा का मंडल अध्यक्ष था। विधानसभा के चुनावों के बाद 2021 में दो मई को उसके घर पर हमला हुआ था और उसकी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद परिवार सहित वह वहां से भाग गया था। घर वापसी के बाद उसने 2023 में 16 जुलाई को फलता थाने में इस बाबत एफआईआर दर्ज करायी है। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट की दलील थी कि एफआईआर बहुत देर से दर्ज करायी गई है। इस पर एडवोकेट माइती की दलील थी कि जब वह भय के कारण क्षेत्र में जा ही नहीं पा रहा था तो एफआईआर कहां से दर्ज कराता। इसके बाद सरकारी एडवोकेट ने कहा कि वे इस बाबत एक रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इस रिपोर्ट के खारिज करते हुए जस्टिस सेनगुप्त ने नये सिरे से रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
Calcutta High Court : चुनाव बाद हिंसा के मामले में मुआवजा क्यों नहीं
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