स्कूल के प्रधान शिक्षक ने पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल
कहा, सरकारी स्कूल के पास नहीं रहती पुलिस की कोई सुरक्षा
स्कूल ने शुक्रवार को होने वाली यूनिट टेस्ट परीक्षा रद्द की
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शुक्रवार की सुबह बेहला चौरास्ता पर सड़क दुर्घटना में छात्र की मौत को केन्द्र कर पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प हो गयी। खासतौर पर बारिशा हाई स्कूल के निकट लोगों ने सड़क अवरोध कर प्रदर्शन किया। परिस्थिति को संभालने के लिए पुलिस की तरफ से स्कूल के सामने आंसू गैस के गोले दागे गए। इस दौरान आंसू गैस का धुआं स्कूल के अंदर चला गया और खिड़कियों के खुले होने के कारण कई छात्र बीमार पड़ गए। इसके बाद पुलिस की भूमिका को लेकर स्कूल के प्रधान शिक्षक ने सवाल खड़े किए। जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह साढ़े 6 बजे सड़क दुर्घटना में छात्र की मौत के बाद करीब तीन घंटे तक लोगों ने पुलिस के खिलाफ लापरवाही और उगाही का आरोप लगाते हुए सड़क अवरोध कर प्रदर्शन किया। लोगों का आरोप था पुलिस द्वारा ठीक से दायित्वों का पालन नहीं करने के कारण आए दिन इलाके में दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस दौरान लोगों ने पुलिस पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है। पुलिस के खिलाफ महिलाएं हाथ में डंडा और पत्थर लेकर सड़क पर उतरीं। वहीं पुलिस ने भी महिला और पुरुषों की भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया। आरोप है कि पुलिस की तरफ से बारिशा हाई स्कूल के निकट टियर गैस दागे गए। इसके कारण धुआं स्कूल के अदंर गया और छात्र बीमार पड़े गए। पुलिस के लाठीचार्ज और टियर गैस दागने पर कई अभिभावक स्कूल परिसर में चले आए। आरोप है कि इस दौरान पुलिस कर्मियों ने भी स्कूल के अंदर घुसने की कोशिश की। बारिशा हाई स्कूल के प्रधान शिक्षक ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर क्यों पुलिस ने स्कूल से सामने आंसू गैस के गोले दागे। प्रधान शिक्षक ने कहा कि उन्होंने कई बार पुलिस प्रशासन से स्कूल के बाहर ट्रैफिक संभालने के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती की अपील की थी लेकिन उनकी अपील को नहीं माना गया। स्कूल में 1 हजार छात्र पढ़ते हैं लेकिन रोजाना उन्हें जान जोखिम में डालकर सड़क पार करना पड़ता है। वहीं प्राइवेट स्कूलों के बाहर ट्रैफिक पुलिस कर्मी खुद खड़े होकर ट्रैफिक संभालते हैं। प्रधान शिक्षक ने आरोप लगाया कि उनके स्कूल से कई बार छात्रों की साइकिल चोरी कर ली गयी। पुलिस से इसकी शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं गयी।
‘कई दिनों से जमे लोगों के मन का गुस्सा शुक्रवार की सुबह फूट पड़ा’
शुक्रवार की सुबह बेहला चौरास्ता पर पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की घटना सिर्फ एक दिन की घटना का नतीजा नहीं है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार बीते कई महीनों से लोगों के मन में इलाके के ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को लेकर गुस्सा था। आरोप है कि इलाके से ऑटो स्टैंड हटाए जाने कोलेकर भी कुछ ड्राइवरों के मन में गुस्सा था। स्थानीय एक महिला ने आरोप लगाया कि जिस स्कूल में रोजाना 1 हजार छात्र आते-जाते हैं उसके सामने कोई सुरक्षा नहीं है। जिस घातक ट्रक ने सौरनील को शुक्रवार की सुबह कुचल दिया उसे अगले सिग्नल पर पुलिस कर्मियों ने क्यों नहीं रोका? एक महिला ने पुलिस पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस चाहती तो घातक ट्रक को अगले सिग्नल पर पकड़ सकती थी लेकिन उन्होंने नहीं पकड़ा। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस वहां पर नियमित तौर पर ट्रक ड्राइवरों से रुपये वसूलती है, इसलिए उस जगह पर पुलिस को रुपये देने से बचने के लिए ट्रक ड्राइवर तेज गति से वाहन लेकर वहां से गुजरते हैं। शुक्रवार की सुबह भी जब ड्राइवर इलाके से गुजर रहा था तो उसने संभवत: भागने के चक्कर में अपने वाहन की रफ्तार बढ़ायी और छात्र को कुचल दिया। बारिशा हाई स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा की मां ने बताया कि पुलिस यहां पर वाहनों को रोककर रुपये लेती है। हमारे बच्चों को सड़क पार कराने में कोई मदद नहीं की जाती है। ऐसा लगता है कि हमारे बच्चों के जीवन का कोई मूल्य नहीं है।
यह कहा मेयर ने
स्थानीय लोगों व प्रधान शिक्षक के आरोप कि सरकारी स्कूल होने के कारण स्कूल के पास पुलिस की सुरक्षा नहीं रहती है, इस पर कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के पास गाड़ियों की संख्या अधिक रहती है जिस कारण ट्रैफिक को संभालने के लिये अधिक संख्या में पुलिस की तैनाती करनी पड़ती है।
Behala Accident : बारिशा स्कूल के सामने दागे गए आंसू गैस के गोले, धुएं से बीमार पड़े छात्र!
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