Navratri Day 5: संतान सुख, भय और रोग से मुक्ति दिलाती हैं मां कात्यायनी, जानिए पूजा विधि और महत्व | Sanmarg

Navratri Day 5: संतान सुख, भय और रोग से मुक्ति दिलाती हैं मां कात्यायनी, जानिए पूजा विधि और महत्व

कोलकाता : नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का महत्व विशेष होता है। मां कात्यायनी को संतान सुख, भय और रोग से मुक्ति देने वाली देवी माना जाता है। इस दिन मां की पूजा विधि और उनके प्रिय भोग एवं रंग के बारे में जानें।

पूजा की विधि

  1. स्नान और वस्त्र: सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. कलश की पूजा: पहले कलश की पूजा करें, फिर मां कात्यायनी का पूजन शुरू करें।
  3. दीप जलाना: मां के समक्ष दीप जलाएं।
  4. श्रृंगार सामग्री: उन्हें श्रृंगार की वस्तुएं, जैसे माला, सिंदूर, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें।
  5. भोग अर्पित करें: मिठाइयाँ, फल और शहद भी अर्पित करें।
  6. मंत्र जप: पूजा के दौरान मां कात्यायनी का मंत्र जप करें: “चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
    कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी।”
  7. आरती और भोग: आरती करके भोग का समापन करें।

मां कात्यायनी का प्रिय रंग और भोग

  • प्रिय रंग: इस दिन लाल रंग पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग साहस और उत्साह का प्रतीक है।
  • प्रिय भोग: मां को शहद और मीठे पान का भोग अर्पित करें, जो उनके लिए अत्यंत प्रिय है।

माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और जिनके विवाह में रुकावटें आ रही हैं, उनके विवाह के योग भी बनते हैं। इस दिन मां की कृपा से सभी क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। इस नवरात्रि, मां कात्यायनी का पूजन कर जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पाने का प्रयास करें!

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