बद्रीनाथ धाम में एकाएक बंद कर दी गईं दुकानें, श्रद्धालु हो गए परेशान | Sanmarg

बद्रीनाथ धाम में एकाएक बंद कर दी गईं दुकानें, श्रद्धालु हो गए परेशान

चमोली : बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद वहां श्रद्धालुओं की ‘बहुत भारी भीड़’ पहुंच गई है। लोगों की भारी भीड़ पहुंचने के बीच ही उनके लिए एक बड़ी मुश्किल भी पैदा हो गई है। सोमवार दोपहर वहां सभी व्‍यापारिक प्रतिष्‍ठान बंद कर दिए गए। इससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोगों को जरूरतों का सामान भी नहीं मिल रहा है। विरोध प्रदर्शन बामणी गांव की सैकड़ों महिलाएं कर रही हैं, जिनकी मांग है कि बद्रीनाथ मंदिर समिति को भंग कर दिया जाए। दरअसल, सोमवार दोपहर के वक्‍त बामणी गांव की सैकड़ों महिलाएं अचानक सड़क पर उतर आईं। उन्‍होंने बद्रीनाथ धाम में बीकेटीसी (श्री बद्रीनाथ केदरनाथ टेंपल कमिटी) अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाने की मांग कर डाली। इसके बाद बद्रीनाथ धाम में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए गए। स्थानीय लोगों ने मंदिर समिति को भंग करने की मांग उठाई। व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद होने से तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर भी लोगों की नाराजगी देखने को मिली। दरअसल, बद्रीनाथ धाम में पहली अव्यवस्थाओं से बद्री पुरी के लोग नाराज हैं। बद्रीनाथ धाम में वीआईपी कल्चर के खिलाफ भी स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने जमकर नारेबाजी की और वीआईपी कल्चर को खत्म करने की मांग की।

गेट नंबर-3 पर स्थानीय लोगों के साथ पंडा-पुरोहित, हक-हकूकधारी और व्यापार सभा के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बामणी गांव की ओर जाने वाले पैदल रास्ते पर वीआईपी दर्शन के लिए कार्यालय बनाया गया है, जिसके चलते गांव की तरफ जाने वाला मार्ग बंद कर दिया गया है। गांव के लोगों को इस रास्ते से गुजरने नहीं दिया जा रहा है। आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने मंदिर समिति और जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोगों ने कहा कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले प्रशासन ने तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया, जिसके चलते तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदर्शन में शामिल लोगों की मांग है कि वीआईपी कल्चर को खत्म किया जाए। इसके अलावा उन्होंने मांग की है कि पिछले साल किन-किन वीआईपी लोगों ने दर्शन किए, किस माध्यम से किए और इन लोगों को किसने वीआईपी बनाया, ये सभी जानकारी सार्वजनिक की जाए। बता दें, बदरीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से पिछले साल वीआईपी कल्चर की शुरुआत की गई थी। इसके तहत 300 रुपये देकर लोग वीआईपी दर्शन कर सकते हैं।

 

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