Durga Puja 2023 : South Kolkata के एक से बढ़कर एक पूजा पंडालों में लाखों की भीड़ | Sanmarg

Durga Puja 2023 : South Kolkata के एक से बढ़कर एक पूजा पंडालों में लाखों की भीड़

कोलकाता : दक्षिण कोलकाता में एक से बढ़कर एक पूजा पंडालों में काफी भीड़ उमड़ रही है। कारण कहीं की थीम तो कहीं की भव्य प्रतिमा खूब पसंद आ रही है। सुरुचि संघ, चेतला अग्रणी क्लब, हाजरा पार्क, त्रिधारा, खिदिरपुर 25 पल्ली, खिदिरपुर 74 पल्ली से लेकर कई पूजा पंडालों में लोगों को थीम से लेकर भव्य प्रतिमा बेहद ही मनमोहक लग रही है।

गरियाहाट हिंदुस्तान क्लब

गरियाहाट हिंदुस्तान क्लब दुर्गा पूजा 2023 थीम – दरिया पार। सबसे खास बात यह है कि महिलाओं द्वारा ही यहां की पू​जा संचालित हो रही है। राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य की अध्यक्षता में यह पूजा हो रही है। पूजा मंडप बेहद ही आकर्षक बना हुआ है। एक बड़ा नौका बनायी गयी है जो बेहद ही आकर्षक दिख रही है। हर साल की तरह इस साल भी यहां की लाइटिंग खूब पसंद आ रही है। लोगों की भीड़ उमड़ रही है।

त्रिधारा : त्रिधारा अकालबोधन, की थीम इस बार भी अलग करने की कोशिश की है जो लोगों को पसंद आ रही है। इस वर्ष दुर्गा पूजा के उत्सव के महत्व और उसके सदियों पुराने इतिहास को अपने पूजा पंडाल के जरिए दर्शाया गया है। इस वर्ष त्रिधारा अकालबोधन अपने उत्सव थीम के जरिए विलुप्त होती दुर्गा पूजा के महत्व को दोबारा उजागर करने का प्रयास कर रही है। यह पूजा इस वर्ष 77वें वर्ष का पालन कर रही है।

 

हाजरा पार्क : हर बार ही कुछ अलग करने की चाह में इस बार हाजरा पार्क की थीम सबको बेहद ही पसंद आ रही है। इस बार इनकी थीम है ‘तीन चाकार गल्पो’ (3 पहियों की कहानी)। यह थीम ऑटोरिक्शा वालों पर आधारित है। इस वर्ष यह पूजा कमेटी 81वां वर्ष मना रही है। हाजरा पार्क दुर्गोत्सव कमेटी के संयुक्त सचिव सायनदेव चटर्जी ने कहा कि ऑटो चालकों का हमारे जीवन में जो अहमियत है उसे दर्शाने की कोशिश की गयी है।

74 पल्ली, खिदिरपुर

थीम का नाम है भालोबासा। इस बार भी 74 पल्ली खिदिरपुर ने अलग करने की कोशिश की है। मंडप को भव्य तैयार किया गया है जबकि इसकी प्रतिमा भी भव्य है। भालोबासा थीम के जरिये यहां परिवेश बचाओ पर संदेश दिया गया है। पृथ्वी से प्रेम करें। प्लास्टिक या अन्य चीजों का इस्तेमाल ना करें जिससे परिवेश का नुकसान हो। क्लब की सदस्य महुआ दास ने बताया कि थीम को जीवंत रूप देने के लिए बांस का इस्तेमाल किया गया है। इस वर्ष 68वां वर्ष मनाया जा रहा है।

 

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