सिंगापुर: सिंगापुर स्पोर्ट्स स्कूल में हुई भारतीय मूल के 14 वर्षीय एक छात्र-एथलीट की मौत की जांच में लापरवाही का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार खिलाड़ी के बैडमिंटन कोच ने ‘ट्रैक’ छोड़ने से पहले उसके स्वास्थ्य का हाल-चाल नहीं लिया। कोच को बर्खास्तगी का नोटिस थमाया गया। छात्र प्रणव मधैक स्कूल की बैडमिंटन अकादमी का हिस्सा था और वह एक ओलंपिक चैंपियन बनना चाहता था। पांच अक्टूबर को 400 मीटर ‘फिटनेस टाइम ट्रायल’ के बाद उसकी तबीयत खराब हो गयी थी। प्रणव को ‘नेशनल यूनिवर्सिटी’ अस्पताल ले जाया गया था जहां बुधवार (11 अक्टूबर को) उसकी मौत हो गयी थी। शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में सिंगापुर स्पोर्ट्स स्कूल ने खिलाड़ी की मौत से जुड़े घटनाक्रम और जांच के निष्कर्ष को सामने रखा।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि पांच अक्टूबर को शाम करीब छह बजकर 26 मिनट पर पर अपना ‘टाइम ट्रायल’ सत्र पूरा करने के बाद प्रणव ने बैडमिंटन कोच से तबीयत ठीक नहीं होने की बात कही थी। स्कूल के अनुसार ‘टाइम ट्रायल और कडिंशनिंग सत्र’ छात्र -एथलीट प्रशिक्षण योजना का नियमित भाग है। कोच ने प्रणव से आराम करने को कहा था क्योंकि पहले भी उसकी तबीयत खराब हो जाती थी और आराम करने के बाद वह फिर ठीक हो जाता था। प्रणव ‘स्टार्टिंग प्वाइंट’ के एक तरफ आराम करने लगा और कोच फोन पर ‘टाइम ट्रायल डाटा’ देखने लगा। कोच उसके बाद अन्य छात्र-एथलीट को समझाने के लिए वहां से चला गया और उसे इस बात का आभास ही नहीं रहा कि प्रणव अब भी उसी जगह लेटा है। अन्य एथलीट को जानकारी देने के बाद कोच स्कूल से परिसर से चला गया। स्कूल ने कहा कि बैडमिंटन कोच को ट्रैक छोड़ने से पहले प्रणव से मिलकर उसकी तबीयत का हाल जानना चाहिए था। स्कूल के अनुसार कोच ने प्रशिक्षण के बाद सभी छात्र-एथलीट को भेजने से पहले उनके बारे में जानकारी नहीं ली, जोकि स्कूल के सुरक्षा दिशा-निर्देशों के खिलाफ था।