कोलकाता : ईडीकी टीम नेसोमवार को दो बड़ी कार्रवाई की। एक ओर चिटफंड कंपनी यूरो ग्रुप के निदेशक विश्वप्रिय गिरी को गिरफ्तार कर लिया वहीं दूसरी ओर एसएससी मामले में ईडी की टीम ने सुबह से ही कोलकाता के विभिन्न स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। इसमें एसएससी मामले में गिरफ्तार हाे चुके सुजय भद्र के बेटी व दामाद के भवानीपुर इलाके के ली रोड स्थित फ्लैट, न्यू अलीपुर स्थित कार्यालय, दक्षिण कोलकाता के विष्णुपुर के कुछ ठिकाने शामिल थे। ईडी के अधिकारी सेंट्रल फोर्स के साथ इन इलाकों में पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू की।
ईडी का आरोप – काले धन को सफेद करने के लिए फ्लैट खरीदी गयी थी।
इन्हीं फ्लैट में सुजय कृष्ण की बेटी पारमिता व दामाद देवरूप चट्टोपाध्याय वहीं रहते हैं। सुजय ने काले धन को सफेद करने के लिए बेटी और दामाद का भी इस्तेमाल किया। ईडी सूत्रों के मुताबिक देवरूप ने सुजयकृष्ण के निर्देश पर कोलकाता के भवानीपुर में करीब ढाई करोड़ रुपये में एक फ्लैट खरीदा था। सूत्रों के मुताबिक सुजयकृष्ण को फ्लैट खरीदने के लिए एक व्यवसायी उसकी सहायक कंपनी से कर्ज लिया गया था। ईडी के मुताबिक एक और कंपनी से 45 लाख रुपये का और कर्ज लिया था। छानबीन करने पर ईडी की टीम को पता चला कि काले धन को सफेद कर इन फ्लैट को खरीदा गया था। ईडी का दावा है कि उक्त कंपनी सुजयकृष्ण के अधीन थी। इससे संबंधित ईडी के आरोपपत्र में कंपनी पर भी आरोप लगाया गया है।
चिटफंड मामले में और लोगों से ईडी कर सकती है पूछताछ : इधर एक अन्य मामले में गिरफ्तार विश्वप्रिय गिरी पर कंपनी पर कम समय में अधिक रिटर्न का वादा कर लाखों लोगों के पैसे हड़पने का आरोप लगा है। इस मामले में कुछ और प्रभावशालियों से ईडी की टीम पूछताछ कर सकती है। आरोप है कि यूरो चिटफंड कंपनी कम समय में पैसा डबल करने का वादा करती थी। इसके साथ ही विभिन्न तरह की स्कीम में पैसे निवेश करने का लालच देती थी। ईडी के पास लंबे समय से इसकी शिकायत थी और अब कार्रवाई चालू की गयी है। कंपनी के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि उसने एक निश्चित अवधि के बाद आकर्षक रिटर्न के बदले कई बहु-स्तरीय विपणन योजनाओं के तहत आम निवेशकों से भारी मात्रा में धन एकत्र किया, लेकिन वह पैसा कभी वापस नहीं आया। लगभग 1500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप विश्वप्रिय गिरी पर है।