दिल्ली में ग्रैप के तहत तीसरे चरण की पाबंदियां लागू

गैर-जरूरी निर्माण, विध्वंस कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन गतिविधियों पर रोक, BS 3 के पेट्रोल संचालित और BS 4 के डीजल संचालित वाहनों पर प्रतिबंध
दिल्ली में ग्रैप के तहत तीसरे चरण की पाबंदियां लागू
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नयी दिल्ली : वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत सख्त प्रतिबंध शनिवार को लागू किए, जिनमें पांचवीं कक्षा तक के विद्यालयों में पढ़ाई ‘हाइब्रिड मोड’ में कराया जाना और निर्माण एवं विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगाया जाना शामिल है। आयोग ने यह कदम मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच प्रदूषण स्तर में काफी बढ़ोतरी होने के बीच उठाया है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 349 था, लेकिन ‘हवा की धीमी गति, स्थिर वातावरण, मौसम संबंधी प्रतिकूल स्थितियों और प्रदूषकों के फैलाव की कमी के कारण’ यह शनिवार को बढ़कर 431 हो गया। वायु गुणवत्ता की स्थिति को देखते हुए CAQM ग्रैप उप-समिति ने फैसला किया है कि वायु गुणवत्ता के गंभीर स्तर को देखते हुए ग्रैप के तीसरे चरण के उपाय तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएं।

ये पहले से लागू ग्रैप के पहले एवं दूसरे चरण के तहत लागू उपायों के अतिरिक्त हैं। तीसरे चरण के प्रतिबंधों में गैर-जरूरी निर्माण, विध्वंस कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन गतिविधियों पर रोक शामिल है। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में BS 3 के पेट्रोल संचालित और BS 4 के डीजल संचालित चार पहिया वाहनों पर भी प्रतिबंध लागू किया गया है।

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इसमें दिल्ली में डीजल से संचालित पुराने मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध भी शामिल है, जबकि पांचवीं कक्षा तक के विद्यालयों में ‘हाइब्रिड मोड’ (ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों) में पढ़ाई कराई जाएगी और दिल्ली-NCR में कार्यालय 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर सकते हैं।

सर्दियों के दौरान, दिल्ली-NCR क्षेत्र में ग्रैप के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए वायु गुणवत्ता को 4 चरणों में वर्गीकृत किया गया है। AQI जब 201 से 300 के बीच होता है, तब पहले चरण की पाबंदियां लगाई जाती हैं जबकि AQI के 301 से 400 के बीच रहने पर दूसरे, 401 से 450 के बीच रहने पर तीसरे तथा AQI के 450 से अधिक होने पर चौथे चरण के प्रतिबंध लागू किए जाते हैं।

15 अंचलों में AQI 450 से अधिक 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI 400 अंकों के पार रिकॉर्ड किया गया। शाम को 4 बजे दिल्ली के 15 इलाकों में तो AQI 450 से अधिक रहा।

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24 घंटे में 82 अंकों की बढ़ोतरी

एक दिन पहले शुक्रवार को दिल्ली में AQI 349 के अंक पर था। पिछले 24 घंटों के भीतर इसमें 82 अंकों की तेज बढ़ोतरी हुई। दिल्ली के वायुमंडल पर धूल और धुएं की परत छाई हुई है। दिल्ली में हवा की गति आमतौर पर 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम है। साथ ही ठंड बढ़ने से प्रदूषण के कण ज्यादा देर तक वायुमंडल में बने हुए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अगले 3-4 दिनों के बीच दिल्ली के लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा की गति कम होने, धूल और धुएं के कारण प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, सड़क और निर्माण से उड़ने वाली धूल, ठोस कचरा और बायोमास जलाने से भी प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह कि हवा की गति धीमी है। इससे प्रदूषित कणों का बिखराव नहीं हो पा रहा है।

दिल्ली-NCR में शनिवार को 3 बजे PM 10 का औसत स्तर 425 और PM 2.5 का औसत स्तर 258 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। हवा में PM 10 का स्तर 100 से और PM 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकार माना जाता है। इस तरह दिल्ली की हवा में मानकों से सवा चार गुना ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं।

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REVA यूनिवर्सिटी का REVA रिसर्च कॉन्क्लेव आयोजित

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