नई दिल्ली: भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आगामी जनगणना के लिए जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति 15 जनवरी 2026 तक पूरी करने का निर्देश दिया है। यह जानकारी एक नवीनतम परिपत्र में दी गई है। परिपत्र के अनुसार, इस डेटा संग्रह कवायद के लिए प्रगणक और पर्यवेक्षक मुख्य जनगणना अधिकारी होंगे।
700-800 की आबादी के लिए एक प्रगणक (enumerator) होगा
इसमें कहा गया है कि लगभग 700-800 की आबादी के लिए एक प्रगणक को नियुक्त किया जाएगा और प्रत्येक छह प्रगणकों पर एक पर्यवेक्षक होगा। आपात स्थितियों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षित प्रगणक और पर्यवेक्षक भी रखे जाएंगे। जनगणना नियम-1990 के नियम तीन के अनुसार, शिक्षक, लिपिक या राज्य सरकार/स्थानीय प्राधिकरण के किसी भी अधिकारी को प्रगणक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जबकि पर्यवेक्षक सामान्यतः प्रगणक से उच्च रैंक का अधिकारी होगा।
30 लाख फील्ड अधिकारी होंगे तैनात
आगामी जनगणना 2027 में देश भर में जनगणना के कार्य को समय पर पूरा करने के लिए लगभग 30 लाख फील्ड अधिकारी तैनात किए जाएंगे। आरजीआई ने इन सभी गतिविधियों की निगरानी और प्रबंधन के लिए 'जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली (सीएमएमएस)' नामक एक वेब पोर्टल भी विकसित किया है।
जनगणना 2027 दो चरणों में होगी
परिपत्र के अनुसार, जनगणना 2027 की नयी पहलों के कारण जनगणना अधिकारियों की अग्रिम नियुक्ति और सीएमएमएस पोर्टल पर कार्यकर्ताओं का सही विवरण के साथ पंजीकरण अत्यंत आवश्यक है।
जनगणना 2027 दो चरणों में होगी: पहला चरण, मकान सूचीकरण और आवास गणना अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच होगा और दूसरा चरण जनसंख्या गणना फरवरी 2027 में होगा। यह कवायद डिजिटल होगी और इसमें 30 अप्रैल को राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के निर्णय के अनुसार, जाति गणना को भी शामिल किया जाएगा।