

अहमदाबादः अहमदाबाद की सड़कों पर स्कूटर दौड़ाने वाली 87 वर्षीय मंदाकिनी शाह और उनकी 84 वर्षीय बहन उषाबेन के लिए उम्र केवल एक संख्या है। उन्हें इंटरनेट पर ‘बाइकर दादियां’ के नाम से खूब शोहरत मिल रही है।
मंदाकिनी उर्फ मंदाबेन स्कूटर चलाती हैं, जबकि उषाबेन ‘साइडकार’ में बैठती हैं। उनके वायरल हो रहे वीडियो को देखकर लोग बॉलीवुड की मशहूर फिल्म शोले के जय और वीरू (अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र) से उनकी तुलना कर रहे हैं।
सूती साड़ी पहने इन बहनों को सड़कों पर यातायात के बीच से गुजरते देखना सशक्तीकरण की एक प्रेरणादायक तस्वीर पेश करता है। छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी और स्वतंत्रता सेनानी की बेटी मंदाबेन ने बताया कि उन्हें हमेशा से मोटरसाइकिल और स्कूटर चलाने का शौक था, लेकिन युवावस्था में रुपयों की कमी के कारण वह खरीद नहीं पाईं।
62 की उम्र में सीखा स्कूटर चलाना
मंदाबेन एक पूर्व शिक्षिका हैं और उन्होंने शादी नहीं की। उन्होंने कहा, “मैंने 62 साल की उम्र में स्कूटर चलाना सीखा और आज भी बिना किसी परेशानी के चलाती हूं। अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के कारण ही मैं इस उम्र में भी शहर के भारी यातायात के बीच बिना डरे स्कूटर चला पाती हूं।”
इस जोशीली अस्सी वर्षीय महिला ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों से मिल रहे प्यार और सराहना की उन्हें कल्पना भी नहीं थी।
मंदाबेन ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं मशहूर हो जाऊंगी। अजनबी लोग मुझसे संपर्क करते हैं और मेरे जज़्बे की सराहना करते हैं। लोग मुझे प्रेरित करते हैं, लेकिन कुछ लोग मेरी उम्र की वजह से घर बैठने की सलाह भी देते हैं।”
जय-वीरू पुकारने पर अच्छा एहसास
मंदाबेन यूं तो छड़ी के सहारे चलती हैं, लेकिन वह जीप चलाना भी जानती हैं और कई बार गांव तक गाड़ी चलाकर जाती हैं। वह कहती हैं, “महिलाओं को ड्राइविंग सीखनी चाहिए और किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।”
अपनी बहन के साथ साइडकार की सवारी का आनंद लेने वाली उषाबेन कहती हैं कि जब लोग उन्हें देख ‘जय-वीरू’ कहकर पुकारते हैं, तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है। वह उम्मीद करती हैं कि दूसरी महिलाएं भी उनसे प्रेरणा लेंगी।