गुवाहाटी: कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की धमकियों से उन्हें “कोई फर्क नहीं” पड़ता। कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष गोगोई ने बृहस्पतिवार को जोरहाट में पत्रकारों से कहा, “मुख्यमंत्री की धमकियों और डराने की कोशिशों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें ऐसा करते रहने दीजिए। आजकल उनकी बातों से राज्य के लोगों को फर्क नहीं पड़ता।”
धमकियों की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की धमकियों की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है। गोगोई ने कहा, “शर्मा अगले चार महीने जो चाहे कर सकते हैं, लेकिन सत्ता से बाहर होने के बाद उन्हें जनता के बीच ही रहना होगा।”
गोगोई और उनकी पत्नी पर ISI से सम्बन्ध का आरोप
मुख्यमंत्री पिछले कुछ महीनों से गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) से संबंध होने का आरोप लगाते हुए लगातार हमले कर रहे हैं। कोलबर्न ब्रिटेन की नागरिक हैं। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।
SIT ने सौंपी है रिपोर्ट
SIT ने 10 सितंबर को मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। शर्मा ने पिछले सप्ताह कहा था कि यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया जाएगा। शर्मा ने यह भी कहा कि चूंकि SIT जुबिन गर्ग की मौत से जुड़े मामले में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है, “अब हम गौरव गोगोई के मामले पर आगे बढ़ेंगे।”
ज़ुबिन गर्ग हत्याकांड का आरोपपत्र कमजोर है
गर्ग हत्याकांड में अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) की विशेष जांच टीम द्वारा दाखिल आरोपपत्र का जिक्र करते हुए गोगोई ने कहा कि राज्य के अनुभवी वकीलों की टिप्पणियों से स्पष्ट होता है कि यह आरोपपत्र “अत्यंत कमजोर” है। उन्होंने आरोप लगाया, “यह आरोपपत्र मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी श्यामकानु महंत को बचाने की रणनीति के तहत सोच-समझकर तैयार किया गया है। इसमें कई प्रमुख आरोपियों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं, जिन्हें किया जाना चाहिए था।”