IFFI में फैशन शो ‘साड़ियां इन मोशन’

हैंडलूम साड़ियां इन मोशन : 70एमएम ऑन रनवे’ में पश्मीना, बनारसी आदि की छटा
IFFI में फैशन शो ‘साड़ियां इन मोशन’
Published on

पणजी से सर्जना शर्मा

गोवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) 2025 में रेड कार्पेट पर 6 गज की साड़ियों से वस्त्र, सिनेमा और भारतीय संस्कृति का संगम दिखा। IFFI के फैशन शो ‘हैंडलूम साड़ियां इन मोशन : 70एमएम ऑन रनवे’ भारतीय हथकरघा को समर्पित एक सामाजिक उद्यम था। करीब 40 हथकरघा साड़ियों के माध्यम से दुनियाभर के दर्शकों ने छत्तीसगढ़ की टसर, जम्मू-कश्मीर से इकत, पश्मीना, यूपी की बनारसी बूटीदार और मुबारकपुर की लच्छा बूटा साड़ी, एमपी की चंदेरी को जाना।

केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हथकरघा) डॉ. एम. बीना ने कहा, परंपरा में निहित, साड़ी एक फैशन स्टेटमेंट और दर्शन के साथ कलात्मकता और ग्रामीण आजीविका का साधन है। इस शो के माध्यम से बुनकरों, कारीगरों और रचनात्मक परंपराओं के काम को वैश्विक दर्शकों के सामने पेश किया गया। ‘साड़ी इन मोशन’ भारत की विरासत, उसकी कालातीत सुंदरता और विकास भी, विरासत भी की भावना को हमारी श्रद्धांजलि है।

दो बार प्रदर्शित किए गए, 15 मिनट के शो केस ने दर्शकों को भारतीय सिनेमा की यात्रा को साड़ी के माध्यम से अपने इतिहास से रूबरू करवाया। विभिन्न सिनेमाई युगों के संगीत के साथ प्रत्येक दृश्य के साथ, रनवे पुरानी यादों, कलात्मकता और साड़ी की कालातीत लालित्य का एक मार्मिक उत्सव बन गया। इसमें 1940 के दशक के सरल ड्रेप्स से लेकर 2020 के बोल्ड, प्रयोगात्मक सिल्हूट तक, रेड कार्पेट पौराणिक मनोदशाओं, प्रेरणाओं और यादों के साथ जीवंत हो उठा।

भारतीय सिनेमा की प्रगति का परिदर्शन

साड़ी के माध्यम से प्रत्येक घुमाव और तह ने भारतीय सिनेमा की प्रगति को प्रतिबिंबित किया। यहां प्रदर्शित साड़ियों में से कुछ पुरस्कार विजेता कलाकारों द्वारा हाथ से भी चित्रित की गई थीं, जिनमें राजस्थान से पिछवाई, ओडिशा से पट्टचित्र, महाराष्ट्र से वरली, आंध्र से कलमकारी, बिहार से मधुबनी, झारखंड और मध्य प्रदेश से गोंड और भील कला, और ऐसे ही अन्य क्षेत्रों की कलाएं शामिल थीं।

वहीं, राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (NFDC) के एमडी, प्रकाश मगदुम ने कहा, IFFI हमेशा से ही रचनात्मकता के सभी रूपों का जश्न मनाने वाला एक मंच रहा है। इस वर्ष, मुख्य रेड कार्पेट पर हथकरघा-आधारित फैशन शोकेस का आयोजन भारत की सांस्कृतिक गहराई और सिनेमा व शिल्प कौशल के शक्तिशाली संगम को उजागर करता है। ‘साड़ी इन मोशन’ ने भारत के सार को खूबसूरती से दर्शाया है।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in