

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे को बिना किसी रुकावट के 50 दिनों में दंडक्रम परायणम् पूरा करने के लिए बधाई दी है, जिसमें शुक्ल याजुर्वेद की मध्यंदिनी शाखा के 2000 मंत्र शामिल हैं। वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे (19) ने काशी में आयोजित एक सभा में दंडक्रम परायणम् पूरा करने की उपलब्धि हासिल की, जिसे उसके जटिल ध्वन्यात्मक विन्यासों के कारण वैदिक पाठ का ‘सर्वोच्च मुकुट’ माना जाता है।
PM ने 'X' पर लिखा
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उन्नीस वर्षीय वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे ने जो कार्य किया है, उसे आने वाली पीढ़ियां सदियों तक याद रखेंगी। भारतीय संस्कृति के प्रति जुनूनी हर व्यक्ति को उन पर गर्व है कि उन्होंने बिना किसी रुकावट के 50 दिनों में दंडक्रम परायणम् को पूरा किया, जिसमें शुक्ल आयुर्वेद की मध्यंदिनी शाखा के 2000 मंत्र शामिल हैं। इसमें कई वैदिक ऋचाओं और पवित्र शब्दों का निर्विघ्न पाठ शामिल है। वे हमारी गुरु-परंपरा के श्रेष्ठतम स्वरूप का प्रतीक हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘काशी के सांसद के रूप में, मुझे प्रसन्नता है कि यह असाधारण उपलब्धि इस पवित्र शहर में हुई। उनके परिवार, पूरे भारत के कई साधुओं, ऋषियों, विद्वानों और संगठनों को मेरा प्रणाम, जिन्होंने उनकी सहायता की।’’ श्रृंगेरी मठ के अनुसार, परायणम् का आयोजन 2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विद्यालय में किया गया और काशी की कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने इसमें योगदान दिया।