कुत्ते के काटने से गई 6 साल की बच्ची की जान, रेबीज रोधी टीका भी रहा बेअसर

16 दिसंबर को, रेबीज रोधी टीके की अंतिम खुराक लेने के एक दिन बाद उसे तेज बुखार और सिरदर्द हुआ। उसके व्यवहार में अचानक बदलाव देखने को मिला, जैसे बिस्तर से सिर ठोकना और आसपास के लोगों को खुरचना।
प्रतीकात्मक चित्र
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ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे में छह साल की बच्ची की आवारा कुत्ते के काटने के एक महीने से अधिक समय बाद मौत हो गई। नगर निगम के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। परिवार के सदस्यों ने कहा कि बच्ची का समय पर इलाज किया गया, जिसमें रेबीज रोधी टीके भी शामिल थे। उसका जन्मदिन भी मनाया गया लेकिन फिर अचानक उसकी हालत बिगड़ने लगी।

खेलते समय आवारा कुत्ते ने काटा

अधिकारी ने बताया कि निशा शिंदे 17 नवंबर को दिवा इलाके में अपने घर के बाहर खेल रही थी, तभी एक आवारा कुत्ते ने बच्ची के कंधे और गाल पर काट लिया। बच्ची को पहले स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाया गया और फिर उसे कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) द्वारा संचालित शास्त्रीनगर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची की मां सुषमा शिंदे के अनुसार, इस मामले में निशा के लिए रेबीज रोधी मानक प्रक्रिया का पालन किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘बच्ची को सभी अनिवार्य टीके समय पर दिए गए थे।’’

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3 दिसम्बर को मनाया था जन्मदिन

निशा की मां ने बताया कि शुरुआती उपचार के बाद उसकी हालत पहले से बेहतर दिख रही थी और तीन दिसंबर को उसका जन्मदिन भी मनाया गया। लेकिन 16 दिसंबर को, रेबीज रोधी टीके की अंतिम खुराक लेने के एक दिन बाद उसे तेज बुखार और सिरदर्द हुआ। उसके व्यवहार में अचानक बदलाव देखने को मिला, जैसे बिस्तर से सिर ठोकना और आसपास के लोगों को खुरचना।

अगले दिन उसे फिर से केडीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।केडीएमसी की चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दीपा शुक्ला ने कहा कि बच्ची के इलाज के दौरान निर्धारित चिकित्सीय प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया गया था।

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