

रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : आईसीएआर-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर-निन्फेट), कोलकाता के परिसर में किसान दिवस 2025 अत्यंत उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से आए 100 किसानों के साथ-साथ संस्थान के वैज्ञानिकों, तकनीकी एवं प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. डी. बी. शक्यवार, निदेशक, आईसीएआर-निन्फेट ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और भारत को वैश्विक मंच पर विकसित राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने भारतीय किसानों की अपार क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे विश्व कृषि परिदृश्य को बदलने की शक्ति रखते हैं। साथ ही उन्होंने किसानों के हित में और अधिक सरकारी योजनाओं एवं परियोजनाओं की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. शक्यवार ने किसानों के लिए विकसित की गई आईसीएआर-निन्फेट की नवोन्मेषी तकनीकों एवं संस्थान की सेवा-प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। डॉ. एल. के. नायक ने अपने संबोधन में कहा कि किसान किसी भी देश का हृदय होते हैं और उनकी खुशहाली ही देश की समृद्धि का आधार है। उन्होंने आईसीएआर-निन्फेट द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी तथा किसानों से संस्थान द्वारा समय-समय पर आयोजित कौशल विकास कार्यक्रमों में भाग लेने का आह्वान किया।
किसान दिवस पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन, तकनीकी प्रस्तुतियों के साथ जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
कार्यक्रम को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाइव प्रसारण के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने किसान दिवस के अवसर पर सभी किसानों को शुभकामनाएँ दीं और उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का पूर्ण लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों की आजीविका सुदृढ़ करने हेतु योजनाओं के अंतर्गत धन के प्रभावी वितरण के महत्व पर जोर दिया तथा खेती समुदाय को सुरक्षित एवं सतत आय उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस अवसर पर तीन तकनीकी प्रस्तुतियाँ भी दी गईं, जिनमें डॉ. तिलक मंडल द्वारा "कृषि फसल अवशेष प्रबंधन, श्री एस. आलम द्वारा "कृषि कार्यों में स्वच्छता बनाए रखना" तथा डॉ. नम्रता लस्कर द्वारा "किसानों द्वारा कीटनाशकों का सुरक्षित उपयोग" विषयों पर प्रस्तुति शामिल रही। कार्यक्रम का समापन किसानों के लिए संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाओं एवं कार्यशालाओं के भ्रमण के साथ हुआ