राज्यसभा में मांग: बैंक जमा बीमा कवर 5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख किया जाय

बैंक डूबने के बढ़ते मामलों के बीच बीमा सीमा बढ़ाने की अपील, बुजुर्गों की बचत पर खतरा
राज्यसभा में मांग: बैंक जमा बीमा कवर 5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख किया जाय
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नई दिल्ली: राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने बुधवार को मांग की कि बैंकों के डूबने के बढ़ते मामलों के मद्देनजर हर तरह के बैंक खातों में जमा राशि पर बीमा कवर को पांच लाख रुपये से बढ़ा कर 25 लाख रुपये किया जाए। शून्यकाल के दौरान उच्च सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के नीरज डांगी ने कहा कि हर तरह के बैंक खातों में जमा राशि पर पांच लाख रुपये तक का बीमा होता है, चाहे बैंक में जमा राशि कितनी भी हो।

बैंक डूबा तो पूरी राशि डूब जाएगी

उन्होंने कहा कि अगर बैंक डूबा तो पूरी राशि डूब जाएगी लेकिन बीमा केवल पांच लाख रुपये का ही होगा और यही राशि खाता धारक को मिलेगी। डांगी ने कहा कि इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन खातों की पूरी राशि का बीमा नहीं है, उनमें से अधिकांश राशि बुजुर्गों की है और उनका जीवन यापन उसी राशि पर निर्भर है। ‘‘यह राशि डूब जाए तो उनका बुढ़ापा कैसे कटेगा।’’

बैंक डूबने के मामलों में बढ़ोतरी

उन्होंने कहा ‘‘बैंक डूबने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, अत: बैंकों में जमा राशि के बीमा कवर को पांच लाख रुपये से बढ़ा कर 25 लाख रुपये किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा बैंक बंद हो रहे हैं, इसलिए ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन’ के तहत जमाकर्ताओं के लिए बेहतर सुरक्षा की ज़रूरत है। डांगी ने कहा कि पिछली बार बीमा राशि को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक संकट के बाद फरवरी 2022 में एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया गया था।

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