

नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 14 दिसंबर 2025 को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में 'वोट चोर गद्दी छोड़' नाम से एक विशाल महारैली का आयोजन कर रही है। यह रैली पार्टी के 'वोट चोरी' अभियान की पराकाष्ठा है, जिसमें EVM में हेरफेर, मतदाता सूची में अनियमितताएं और चुनाव आयोग की कथित पक्षपातपूर्ण भूमिका के खिलाफ देशव्यापी विरोध जताया जाएगा।
रैली का उद्देश्य और तैयारी
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नवंबर में रैली की घोषणा की थी। पार्टी का दावा है कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। रैली में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी सहित शीर्ष नेता शामिल होंगे। विभिन्न राज्यों से हजारों कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं। हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और झारखंड से बड़े दल दिल्ली आ रहे हैं। पार्टी का अनुमान है कि लाखों लोग जुटेंगे।
'वोट चोरी' अभियान के आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि 2024 लोकसभा चुनाव और हाल के विधानसभा चुनावों में ईवीएम मैनिपुलेशन, सीसीटीवी फुटेज नष्ट करना और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए विपक्षी मतदाताओं के नाम काटे गए। पार्टी ने अगस्त से हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें 5 करोड़ से अधिक हस्ताक्षर एकत्र किए गए। ये हस्ताक्षर रैली में प्रदर्शित किए जाएंगे और बाद में राष्ट्रपति को सौंपे जाएंगे। पवन खेड़ा जैसे नेताओं ने चुनाव आयोग पर 'भाजपा का सहयोगी' होने का आरोप लगाया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और विवाद
भाजपा ने इन आरोपों को 'हार का बहाना' बताया है। कई पूर्व न्यायाधीशों और अधिकारियों ने कांग्रेस की आलोचना की। चुनाव आयोग ने भी आरोपों को निराधार बताया और ईवीएम की विश्वसनीयता पर जोर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही ईवीएम को सुरक्षित माना है। फिर भी कांग्रेस इसे जनआंदोलन बना रही है।