इंदौर: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस ने नक्सलवाद को लेकर दोहरा रवैया अपनाया जबकि भारतीय जनता पार्टी पार्टी (भाजपा) की सरकार ने इसे जड़ से मिटा दिया है। यादव ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य में कांग्रेस के (पूर्ववर्ती) शासनकाल में नक्सलवाद बहुत बड़ी समस्या थी। हमने इस समस्या को जड़ से मिटा दिया है। सूबे के मंडला, बालाघाट और डिंडोरी जिले नक्सलियों से तकरीबन मुक्त हो चुके हैं।’’
कांग्रेस के शासनकाल में राज्य नक्सलवाद से ग्रस्त था
उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान नक्सलियों ने एक मंत्री की हत्या कर दी थी। यादव ने दिग्विजय सिंह का नाम लिए बगैर कहा,‘‘नक्सलवाद की समस्या की मूल जड़ सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे जो आज भी (नक्सली कमांडर) माड़वी हिड़मा के मारे जाने पर दुख व्यक्त करते हैं। यह रवैया कांग्रेस का दोहरा चरित्र बताता है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल आरोप लगाने की राजनीति में यकीन रखती है और इस पार्टी की पिछली सरकारों ने नक्सलवाद जैसी समस्याओं को जिंदा रखा।
मोहन यादव सरकार के 2 साल पूरे हुए
यादव ने 13 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उन्होंने अपनी सरकार की पिछले दो साल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि इस अवधि में महिलाओं, किसानों, युवाओं और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों के हितों में कई कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चिकित्सा महाविद्यालयों की तादाद दोगुनी हो गई है और औद्योगिक विकास दर राष्ट्रीय औसत को पार कर गई है।
यादव ने कहा कि उनकी सरकार मध्यप्रदेश को देश का सबसे ज्यादा विकसित राज्य बनाने की दिशा में काम कर रही है। गौरतलब है कि नक्सलवाद को लेकर भाजपा सरकार ने पूरे देश में जीरो टोलेरेंस की निति अपनाई है। इसका नतीजा ये है कि नक्सलवाद अपनी आखरी सांसे गिन रहा है।