मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कुंभ मेले के लिए नासिक में पेड़ों की कटाई के मुद्दे को सुलझाने के लिए बुधवार को एक सुलहकारी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखना, विकास करने जितना ही महत्वपूर्ण है।
नासिक कुंभ मेला
अक्टूबर 2026 में होने वाले कुंभ मेले से पहले नासिक आने वाले धर्म गुरुओं के लिए 'साधु ग्राम' बनाने हेतु तपोवन क्षेत्र में 1700 से अधिक पेड़ों को काटने की नासिक नगर निकाय की कथित योजना के खिलाफ नागरिक संस्था के सदस्य उग्र हो गए हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य, अभिनेता सयाजी शिंदे ने भी कहा है कि अगर सरकार पेड़ों को हटाने पर अड़ी रही तो वह उसका विरोध करेंगे।
पेड़ बचे रहेंगे, तो अगली पीढ़ी भी बचेगी
पेड़ों की कटाई के खिलाफ शिंदे के रुख का समर्थन करते हुए पवार ने एक बयान में कहा,‘‘अगर पेड़ बचे रहेंगे, तो अगली पीढ़ी भी बचेगी। विकास के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तपोवन में पेड़ों की कटाई के मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पर्यावरण संबंधी चिंताओं की अनदेखी न की जाए। पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर सयाजी शिंदे का रुख ‘‘पर्यावरण संरक्षण के व्यापक हित में’’ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकास पारिस्थितिकी संतुलन की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन आवश्यक
राकांपा प्रमुख ने कहा,‘‘विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना समय की मांग है। हमें याद रखना चाहिए कि पर्यावरण की रक्षा करने से ही अगली पीढ़ी सुरक्षित रहेगी।’’ उन्होंने सभी पक्षों से ऐसे समाधान पर पहुंचने का आग्रह किया जो विकास संबंधित आवश्यकताओं और पारिस्थितिकी कल्याण दोनों को सुरक्षित रखे।
पुराने एवं देशी प्रजाति के पेड़ों को छोड़ा जाएगा।
कुंभ मेले के लिए पेड़ों की कटाई की योजना के खिलाफ जोरदार विरोध का सामना कर रही नासिक नगर आयुक्त मनीषा खत्री ने मंगलवार को कहा कि कटाई के लिए चुने गये 1,700 से अधिक पेड़ों में से 60 प्रतिशत से अधिक वृक्षों को छोड़ दिया जाएगा।