अयोध्या में मंगलवार को राम मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे PM मोगी

इस मौके पर प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित भी करेंगे
राम मंदिर
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अयोध्या : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को अयोध्या का दौरा करेंगे और श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे, जो इसके निर्माण के पूरा होने का प्रतीक होगा।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह करीब 10 बजे सप्तमंदिर आयेंगे जिसमें महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर हैं।

इसके बाद वे शेषावतार मंदिर जाएंगे। सुबह करीब 11 बजे प्रधानमंत्री माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे, इसके बाद वह राम दरबार गर्भगृह में दर्शन और पूजा करेंगे, जिसके बाद रामलला गर्भगृह में दर्शन करेंगे।

दोपहर करीब 12 बजे प्रधानमंत्री श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे, जो मंदिर के निर्माण के पूरा होने और सांस्कृतिक उत्सव और राष्ट्रीय एकता के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।

समकोण त्रिभुजाकार ध्वज की ऊंचाई 10 फुट और लंबाई 20 फुट है। इस पर एक दीप्तिमान सूर्य की तस्वीर है जो भगवान राम के तेज और वीरता का प्रतीक है। इस पर 'ॐ' अंकित है और कोविदार वृक्ष की तस्वीर भी है। पवित्र भगवा ध्वज गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देगा और राम राज्य के आदर्शों का प्रतीक होगा।

यह ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर वास्तुशैली में निर्मित ‘शिखर’ के शीर्ष पर फहराया जाएगा, जबकि इसके चारों ओर 800 मीटर लंबा परकोटा दक्षिण भारतीय वास्तुशैली में डिजाइन किया गया है, जो मंदिर की वास्तुशिल्प विविधता को दर्शाता है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री लोगों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी तिथि को होगा, जब श्री राम और मां सीता की विवाह पंचमी का अभिजीत मुहूर्त भी है। यह तिथि नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी, के शहादत दिवस के साथ भी मेल खाती है, जिन्होंने 17वीं सदी में अयोध्या में लगातार 48 घंटे ध्यान लगाया था। इससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को धार्मिक ध्वजा फहरा कर हिंदू अनुष्ठान संपन्न करेंगे। शास्त्रीय परंपरा में ध्वज आरोहण को अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना गया है।

मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण के आधार पर भगवान राम के जीवन से जुड़ी घटनाओं को दर्शाती 87 जटिल नक्काशी पत्थर पर उकेरी गई हैं। इसके अनुसार साथ ही घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति के 79 कांस्य-निर्मित दृश्य हैं। ये सभी तत्व मिलकर सभी आगंतुकों के लिए एक सार्थक और शैक्षिक अनुभव प्रदान करते हैं, जो भगवान राम के जीवन और भारत की सांस्कृतिक विरासत की गहरी समझ देते हैं।

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