नीलकंठ महादेव बनाम जामा मस्जिद मामले में नहीं हो सकी सुनवाई

न्यायाधीश के स्थानांतरण के कारण सुनवाई स्थगित
नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद मामला
नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम जामा मस्जिद मामला
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बदायूं : नीलकंठ महादेव मंदिर और शम्सी जामा मस्जिद से संबंधित विवाद की स्थानीय अदालत में जारी सुनवाई न्यायाधीश के स्थानांतरण के कारण बुधवार को स्थगित कर दी गई। एक वकील ने बताया कि मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अमित कुमार का तबादला भदोही कर दिया गया है। उनकी अदालत रिक्त है, इसलिए मामले की सुनवाई 21 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

न्यायाधीश अमित कुमार की त्वरित अदालत ने इससे पहले मुस्लिम पक्ष को अदालत में उपस्थित होने का अंतिम अवसर दिया था। मुस्लिम पक्ष के कानूनी प्रतिनिधि अदालत में पेश नहीं हो रहे थे। अदालत की ओर से लगातार समन भेजे जाने के बावजूद मस्जिद की प्रबंधन समिति के वकील उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद न्यायाधीश ने उन्हें अपना मामला प्रस्तुत करने के लिए अंतिम अवसर के रूप में 11 फरवरी की तारीख तय की थी। हालांकि वकीलों की हड़ताल के कारण सुनवाई 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई और फिर इसे 20 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

मंदिर पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील वेद प्रकाश साहू के अनुसार, शम्सी जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के वकील अनवर आलम 20 मार्च को अदालत में उपस्थित हुए थे और एक आवेदन प्रस्तुत किया था। साहू ने कहा था कि आलम ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और तर्क दिया कि अधीनस्थ अदालतें ऐसे मामलों में निर्णय नहीं दे सकते। इस पर विचार करते हुए न्यायाधीश कुमार ने अगली तारीख 2 अप्रैल तय की। साहू ने कहा, चूंकि अब नए न्यायाधीश कार्यभार संभालेंगे तो यदि अदालत मामले को आगे बढ़ाने की अनुमति देती है तो दोनों पक्षों की दलीलें नए सिरे से शुरू होंगी।

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