मेरठ: मेरठ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में तैनात एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) ने कथित रूप से काम के बोझ से परेशान होकर जहर खा लिया, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद विभागीय यूनियन और बीएलओ के साथियों ने अस्पताल में हंगामा किया और संबंधित पर्यवेक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जहर खाकर की आत्महत्या
जिला प्रशासन का कहना है कि जहर खाने का सही कारण जांच के बाद पता चलेगा और इसमें घरेलू या अन्य कारण भी हो सकते हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुंडाली थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा गांव के निवासी मोहित चौधरी (35) ने कथित उत्पीड़न से परेशान होकर जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। मंगलवार देर रात हुई घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में गढ़ रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल से लोकप्रिय अस्पताल भेजा गया है।
सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर थे कार्यरत
परिजन के मुताबिक सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत चौधरी एसआईआर अभियान के तहत पल्लवपुरम क्षेत्र में बीएलओ की ड्यूटी भी कर रहे थे वह कई दिन से दोहरी जिम्मेदारी तथा अत्यधिक कार्यभार के चलते तनाव में थे। पुलिस के मुताबिक परिजन का आरोप है कि तहसील स्तर के सुपरवाइजर आशीष शर्मा लगातार फोन कर कामकाज की प्रगति को लेकर दबाव बना रहे थे और निलंबन व मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दे रहे थे।
काम का बोझ इतना बढ़ गया था कि खाना भी ठीक से नहीं खा रहे थे
परिजन का कहना है कि मंगलवार रात घर पहुंचने के बाद मोहित ने मानसिक तनाव के चलते कीटनाशक दवा खा ली, जिसके बाद स्थिति बिगड़ने पर उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। चौधरी की पत्नी ज्योति ने बताया कि उनके पति सुबह जल्दी घर से निकल जाते थे और देर रात लौटते थे। उन्होंने कहा कि काम का बोझ इतना बढ़ गया था कि खाना भी ठीक से नहीं खा रहे थे।
सुपरवाइजर पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नारेबाजी
घटना की जानकारी मिलते ही विभागीय यूनियन के पदाधिकारी और कर्मचारी अस्पताल पहुंचे और सुपरवाइजर पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। उनका कहना था कि एसआईआर अभियान में बीएलओ पर सबसे अधिक कार्यभार है, लेकिन अधिकारियों की ओर से लगातार दबाव और धमकी दी जा रही है। यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।