अखिलेश यादव ने कहा: “संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा”

अखिलेश ने लिखा कि संविधान को लेकर कोई पक्ष-विपक्ष नहीं होना चाहिए, सबको एक मत होना चाहिए। संविधान सिर्फ किताब नहीं, देश की बुनियाद है।
Akhilesh Yadav
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लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महापरिनिर्वाण दिवस पर एक लंबे थ्रेड के जरिए संविधान को केंद्र में रखकर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश का नारा अब “जय जवान, जय किसान, जय संविधान” होना चाहिए।

संविधान पर कोई पक्ष-विपक्ष नहीं

अखिलेश ने लिखा कि संविधान को लेकर कोई पक्ष-विपक्ष नहीं होना चाहिए, सबको एक मत होना चाहिए। संविधान सिर्फ किताब नहीं, देश की बुनियाद है। उन्होंने दुख जताया कि संसद में संविधान बचाने की बहस हो रही है, जबकि संविधान के हिसाब से देश को आगे बढ़ाने की चर्चा होनी चाहिए।

लोकतंत्र पर संकट का आरोप

सपा नेता ने सीधे आरोप लगाया कि संविधान पर संकट आने का मतलब लोकतंत्र पर संकट है। जो संविधान को कमजोर करना चाहते हैं, वे एकतंत्र लाना चाहते हैं। “देश संविधान से चलना चाहिए, मन-विधान से नहीं”, यह उनकी सबसे तीखी चेतावनी थी।

PDA के लिए संविधान आखिरी उम्मीद

अखिलेश ने अपनी PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति को संविधान से जोड़ा। उन्होंने कहा कि संविधान ही PDA का प्रकाश-स्तंभ और रक्षा-कवच है। यह 90% शोषित-वंचित जनता के अधिकारों का सच्चा संरक्षक है। PDA वालों के लिए संविधान की रक्षा “जनम-मरण का सवाल” है।

“करो या मरो” का नया आह्वान

अंत में अखिलेश ने गांधीवादी अंदाज में नया नारा दिया – “संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा! इसके लिए एक और करो या मरो आंदोलन की जरूरत है।” उनका अंतिम संदेश था – “सबको स्थान – सबको सम्मान”।इस थ्रेड ने सोशल मीडिया पर तुरंत बवाल मचा दिया है। भाजपा इसे चुनावी स्टंट बता रही है तो सपा समर्थक इसे 2027 की पहली हुंकार मान रहे हैं।

गौरतलब है कि 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष द्वारा 'संविधान खतरे में है' का नारा बुलंद किया गया था। जिसके बाद NDA सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था और BJP अकेले दम पर बहुमत से चूक गई थी। यही कारण है कि विपक्ष द्वारा हमेशा संविधान को मुद्दा बनाने की कोशिश की जाती है। आंबेडकर दिवस के अवसर पर अखिलेश यादव ने पुनः यही प्रयास किया है।

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