

नई दिल्ली: 6 दिसंबर, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 69वीं पुण्यतिथि यानी महापरिनिर्वाण दिवस पर पूरे देश में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी परंपरा के अनुसार दिल्ली स्थित चैत्यभूमि नहीं, बल्कि संसद भवन परिसर में स्थित बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ संसद भवन परिसर में स्थित प्रेरणा स्थल में आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
सोशल मीडिया पर भावपूर्ण संदेश
पुष्पांजलि के बाद प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक 'X' हैंडल से एक संक्षिप्त लेकिन भावपूर्ण पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा – “बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन। सामाजिक न्याय और समता के उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए हम सब विकसित भारत का निर्माण करेंगे।” पोस्ट के साथ बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते हुए प्रधानमंत्री की तस्वीर भी साझा की गई।
अम्बेडकर के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता
पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने बाबासाहेब से जुड़े पंचतीर्थ के विकास से लेकर संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व बनाने तक कई कदम उठाए हैं। नागपुर में दीक्षा भूमि, दिल्ली में महापरिनिर्वाण स्थल, मुंबई में चैत्यभूमि, अलिपुर रोड स्थित 26 नंबर निवास और लंदन वाला छात्रावास – इन सभी को विश्वस्तरीय स्मारक के रूप में विकसित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके अलावा दिल्ली में डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर और राष्ट्रीय स्मारक भी बनाया गया है।
समता और स्वाभिमान का संदेश
प्रधानमंत्री का यह संदेश केवल औपचारिकता नहीं था। यह उस दृढ़ संकल्प का प्रतीक है कि बाबासाहेब के समता, स्वतंत्रता, बंधुता और न्याय के आदर्शों को चरितार्थ करते हुए अंत्योदयी तक विकास पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। दलित, शोषित, वंचित समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए स्टैंड-अप इंडिया, मुद्रा योजना, समग्र शिक्षा जैसे कार्यक्रम भी इसी दिशा में कदम हैं।आज जब पूरा देश बाबासाहेब को याद कर रहा है, प्रधानमंत्री का यह सादगी भरा श्रद्धासुमन एक बार फिर याद दिलाता है कि संविधान के शिल्पी का सपना ही विकसित भारत का आधार है।