

नई दिल्ली - लंबे समय से यह चर्चा होती रही है कि देशवासियों की काम करने की आदतें कैसी हैं। क्या हम जरूरत से ज्यादा मेहनत करते हैं या अपेक्षाकृत कम ? कुछ लोगों का मानना है कि अधिक समय तक काम करने से उत्पादकता बढ़ती है, जबकि अन्य का तर्क है कि मेहनत से ज्यादा बुद्धिमानी से काम करना अधिक महत्वपूर्ण है। इस बहस को समझने के लिए आंकड़ों पर गौर करना जरूरी है।
सामने आई रिपोर्ट
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद और 2019 के टाइम यूज सर्वे के आंकड़ों के आधार पर एक रिपोर्ट में कुछ दिलचस्प तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के लोग सबसे अधिक समय तक काम करते हैं, जबकि गोवा के लोग सबसे कम समय देते हैं, लेकिन इसके बावजूद उनका आर्थिक उत्पादन अधिक रहता है।
गुजरात में ज्यादातर लौग 70 घंटे तक कम करते हैं
एक अध्ययन के अनुसार, गुजरात में 7.2% कर्मचारी हर हफ्ते 70 घंटे से अधिक काम करते हैं, जो देशभर में सबसे ज्यादा है। पंजाब, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल भी इसी के करीब हैं। दूसरी ओर, बिहार में सबसे कम लोग इतने लंबे समय तक काम करते हैं बिहार में केवल 1.1% कर्मचारी हफ्ते में 70 घंटे काम करते हैं। पंजाब में यह आंकड़ा 7.1%, महाराष्ट्र में 6.6%, पश्चिम बंगाल और केरल में 6.2% है। अगर रोजाना काम करने के औसत घंटों की बात करें, तो दिल्ली सबसे आगे है। यहां लोग हर दिन औसतन 8.3 घंटे काम करते हैं, जबकि गोवा में यह केवल 5.5 घंटे है। पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में भी दैनिक कार्यकाल छह घंटे से कम रहता है।
शहरों के लोग ग्रामीण लोगों से अधिक काम करते हैं
अध्ययन में यह भी पाया गया कि शहरों में रहने वाले भारतीयों का कार्य समय ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक होता है। शहरी इलाकों में औसतन लोग रोजाना 7.8 घंटे काम करते हैं, जबकि गांवों में यह अवधि करीब 6.5 घंटे होती है। सबसे ज्यादा काम करने वाले शहरी लोग राजस्थान (8.6 घंटे), उत्तराखंड (8.3 घंटे) और गुजरात (8.3 घंटे) में पाए गए। वहीं, सबसे कम काम करने वाले लोग मेघालय (6.3 घंटे), मणिपुर (6.1 घंटे) और गोवा (5.9 घंटे) में हैं। ग्रामीण भारत में, उत्तराखंड (7.7 घंटे), पंजाब (7.3 घंटे) और झारखंड (7.2 घंटे) काम के लिहाज से शीर्ष पर हैं, जबकि असम, नागालैंड और गोवा में औसत कार्य समय अपेक्षाकृत कम है।
पुरष महिलाओं से ज्यादा काम करते हैं
अध्ययन में यह भी पता चला कि पुरुषों और महिलाओं के कार्य घंटों में काफी अंतर है। पुरुष आमतौर पर वेतन वाले कार्यों में अधिक समय देते हैं, जबकि महिलाएं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, बिना भुगतान वाले घरेलू कामों का बड़ा हिस्सा संभालती हैं। शहरी क्षेत्रों में पुरुष औसतन 8.2 घंटे प्रतिदिन काम करते हैं, जबकि महिलाएं 6.2 घंटे तक कार्य करती हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में पुरुषों का औसत कार्यकाल 7.3 घंटे का है, जबकि वहां की महिलाएं रोजाना 5.6 घंटे काम करती हैं।