नई दिल्ली: चीन ने रविवार को संकेत दिया कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 100 प्रतिशत शुल्क की धमकी के बावजूद पीछे नहीं हटेगा। उसने अमेरिका से आग्रह किया कि वह धमकियों के बजाय बातचीत के जरिये मतभेदों को सुलझाए।
वाणिज्य मंत्रालय ने ऑनलाइन जारी एक बयान में कहा कि चीन का रुख स्पष्ट है। हम शुल्क युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते भी नहीं हैं। यह प्रतिक्रिया ट्रंप द्वारा एक नवंबर तक चीन से आयात पर कर बढ़ाने की धमकी के दो दिन बाद आई है। यह धमकी कई उपभोक्ता और सैन्य उत्पादों के लिए एक प्रमुख घटक, दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर चीन द्वारा लगाए गए नए प्रतिबंधों के जवाब में दी गई थी।
अमेरिका के सामने नहीं झुका चीन
इस घटनाक्रम से डोनाल्ड ट्रंप और चीन के नेता शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक अब पटरी से उतरते दिख रही है। क्योंकि ये टैरिफ युद्ध को लेकर दोनों देशों के बीच संकट पैदा हो गया है। वहीं अप्रैल में दोनों पक्षों की ओर से नए शुल्क कुछ समय के लिए 100 प्रतिशत से ऊपर चले गए थे। ट्रंप ने इस साल कई अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों से आयात पर कर बढ़ा दिया है, ताकि शुल्क में कटौती के बदले में रियायतें हासिल की जा सकें। चीन उन गिने-चुने देशों में से एक है जो अपनी आर्थिक ताकत के दम पर पीछे नहीं हटा है।
गुस्से में चीन
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अपने ऑनलाइन पोस्ट में कहा कि बार-बार ऊंचा शुल्क लगाने की धमकी देना चीन के साथ तालमेल बिठाने का सही तरीका नहीं है। यह पोस्ट एक अनाम प्रवक्ता द्वारा अनिर्दिष्ट मीडिया कंपनियों के सवालों के जवाबों की एक श्रृंखला के रूप में किया गया है। बयान में बातचीत के जरिये किसी भी चिंता का समाधान करने का आह्वान किया गया। पोस्ट में कहा गया कि अगर अमेरिकी पक्ष हठपूर्वक अपनी नीति पर अड़ा रहता है, तो चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए दृढ़ता से कदम उठाएगा।
चीन ने अमेरिका को झुकाने की चली बड़ी चाल
वहीं दूसरी तरफ चीन ने भी एक बड़ा दांव खेला है। जहां अमेरिका ने चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया तो चीन ने अमेरिका से सोयाबीन खरीदना अचानक से बंद कर दिया है। इससे पूरे अमेरिका में हाहाकार मच गया है। क्योंकि अमेरिका दुनिया में सोयाबीन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और चीन सबसे बड़ा खरीदार है। चीन के इस कदम से सोयाबीन की कीमतें काफी गिर गई हैं और अमेरिकी किसानों में खौफ फैल गया है।
वैसे चीन के इस कदम से दुनिया में नई ट्रेड वॉर छिड़ सकती है। क्योंकि ट्रंप ने 1 नवंबर 2025 से चीन से आयातित सभी उत्पादों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। यह टैरिफ पहले से लागू शुल्क के ऊपर होगा। इससे नाराज चीन अमेरिका से आने वाले हजारों टन सोयाबीन के जहाजों को अपनी ओर आने से पहले ही रोक दिया है। अब देखना ये है कि चीन की इस चाल से अमेरिका क्या प्रतिक्रिया देता है।