‘वंदे मातरम्’ बहस में बंगाल के नायकों के ‘अपमान’ के खिलाफ तृणमूल सांसदों का संसद में मौन प्रदर्शन

गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चटर्जी के चित्र के साथ सेंट्रल हॉल में बैठकर और बाद में संविधान सदन के द्वार पर खड़े हो कर मौन प्रदर्शन।
‘वंदे मातरम्’ बहस में बंगाल के नायकों के ‘अपमान’ के खिलाफ तृणमूल सांसदों का संसद में मौन प्रदर्शन
Atul Yadav
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नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने ‘वंदे मातरम्’ पर बहस के दौरान बंगाल के नायकों का भाजपा द्वारा ‘अपमान’ किए जाने के विरोध में, मंगलवार को संसद के सेंट्रल हॉल में मौन प्रदर्शन किया।

बंगाल के नायकों गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चटर्जी के चित्र लिए सांसदों ने सेंट्रल हॉल में बैठकर और बाद में संविधान सदन के द्वार पर खड़े हो कर मौन प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन ‘वंदे मातरम्’ की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में हुई बहस के एक दिन बाद किया गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया था।

सागरिका घोष ने क्या कहा

राज्यसभा में तृणमूल की उपनेता सागरिका घोष ने आरोप लगाया, “कल ‘वंदे मातरम्’ पर बहस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल के साहित्य सम्राट बंकिम चंद्र चटर्जी और हमारे महान नायक रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया। यह बंगाल की संस्कृति और लोगों के लिए एक गंभीर चोट है।”

उन्होंने कहा कि बंकिम चंद्र चटर्जी बंगाल के एक महान व्यक्तित्व हैं और उन्होंने ‘आनंदमठ’ की रचना की, जिससे ‘वंदे मातरम्’ लिया गया है। घोष ने आरोप लगाया कि उनके नाम का भी गलत उच्चारण किया गया और उनके योगदान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।

पीएम मोदी से माफी की मांग

तृणमूल सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी से बंगाल के सांस्कृतिक नायकों के इस अपमान के लिए माफी मांगने की मांग की। मोदी पर तृणमूल ने आरोप लगाया कि लोकसभा में 'वंदे मातरम्' पर बहस के दौरान, उन्होंने चटर्जी को ‘बंकिम दा’ कहकर अपमानित किया। वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि उन्हें ‘बंकिम बाबू’ कहना चाहिए। मोदी ने तुरंत इसका सम्मान करते हुए कहा, “मैं बंकिम बाबू कहूंगा। धन्यवाद, मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं।” उन्होंने हल्के अंदाज में पूछा कि क्या वह रॉय को ‘दा’ कह सकते हैं?

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