बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की खैर नहीं, मोदी सरकार लाने जा रही है नया कानून

मोदी सरकार का नया विधेयक
बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की खैर नहीं, मोदी सरकार लाने जा रही है नया कानून
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नई दिल्ली - केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में आव्रजन एवं विदेशी विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य भारत के मौजूदा आव्रजन कानून को अधिक आधुनिक और प्रभावी बनाना है। इस विधेयक के जरिए अवैध घुसपैठियों पर नियंत्रण रखना और तय सीमा से अधिक समय तक देश में रहने वाले विदेशियों की निगरानी करना आसान होगा।

गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में भारत में अवैध घुसपैठ की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है, जिसमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि देश के संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव भी डालता है।

सख्त होगा यह कानून

नए विधेयक में सख्त सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वीजा शर्तों के उल्लंघन पर विदेशियों को भारी भरकम जुर्माना देना होगा, जबकि अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है। यह विधेयक सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे की स्थिति में किसी भी विदेशी को देश में प्रवेश देने या रोकने का अधिकार प्रदान करेगा। इसके अलावा, इसमें विदेशी नागरिकों की बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र करने की अनुमति भी दी गई है। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो यह मौजूदा चार कानूनों का स्थान ले लेगा।

इन कानूनों की लेगा जगह

पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम- 1920।

विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम- 1939।

विदेशी अधिनियम- 1946।

आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम- 2000।

क्या है विधेयक है ?

विधेयक के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है। साथ ही, भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए संबंधित पंजीकरण अधिकारी के पास तुरंत अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

नए विधेयक के तहत यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी विदेशी नागरिक की जानकारी संबंधित पंजीकरण अधिकारियों को दी जाएगी। यदि कोई विदेशी नागरिक किसी अस्पताल, होटल या अन्य संस्थान में ठहरा हुआ है, तो उस संस्था की जिम्मेदारी होगी कि वह इसकी सूचना अधिकारियों को दे। यही नियम विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों पर भी लागू होगा।

5 साल की सजा का होगा प्रवधान

यदि कोई विदेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे अधिकतम पांच साल की जेल और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं, यदि उसके पासपोर्ट या अन्य दस्तावेज जाली पाए जाते हैं, तो उस पर 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। मौजूदा पासपोर्ट अधिनियम के तहत, बिना वैध पासपोर्ट के प्रवेश करने पर 5 साल की जेल, 50 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

वाहक पर भी लगेगा जुर्माना

नए विधेयक के अनुसार, यदि कोई वाहक बिना वैध दस्तावेजों के अवैध प्रवासियों को भारत लाता है, तो उस पर 2 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि जुर्माना अदा नहीं किया जाता, तो आव्रजन अधिकारी जहाज या वाहक से संबंधित संपत्ति जब्त कर उसकी वसूली करेंगे। वर्तमान में लागू आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम-2000 के तहत वाहकों पर अधिकतम एक लाख रुपये के जुर्माने का ही प्रावधान है।

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