

बंगाल की भाषा, संस्कृति, विरासत मुझे अपनी ओर खींचती है : राज्यपाल
मैं बंगाल का दत्तक पुत्र बनना चाहता हूं
सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्यपाल डॉ. सी वी आनंद बोस बंगाल का वोटर बनना चाहते हैं। फिलहाल वह केरल में वोटर हैं। गुरुवार को एसआईआर-एनुमरेशन फॉर्म भरने का अंतिम दिन था। राज्यपाल ने इस दिन बंगाल के वोटर के लिए फार्म 8 ग्रहण किया। राज्यपाल ने EPIC को केरल से बंगाल में स्थानांतरित करने और राज्य में निर्वाचक के रूप में नामांकन के संबंध में भारत के चुनाव आयोग के बीएलओ और अन्य अधिकारियों से मुलाकात की। लोकभवन (पूर्व में राजभवन) से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल ने कहा कि गुरुवार को एसआईआर फार्म संबंधित प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, मैं अपने दस्तावेज भी जमा कर दूंगा।
मैं बंगाल का दत्तक पुत्र बनना चाहता हूं : राज्यपाल ने कहा कि मैं मानसिक रूप से पश्चिम बंगाल के जीवन से जुड़ा हुआ हूं। मैं यहां लंबे समय से रह रहा हूं। मेरी भावनाएं बंगाल की मिट्टी से जुड़ी हुई हैं। यहां के लोग, भाषा, संस्कृति, विरासत मुझे अपनी ओर खींचती है। मैं बंगाल का दत्तक पुत्र बनना चाहता हूं। इसीलिए मैंने यहां मतदाता बनने के बारे में सोचा है। राज्यपाल ने कहा कि वे खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि वे वहां की हवा में सांस लेते हैं जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सांस ली थी, उसी भूमि पर चलते हैं जहां गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर चले थे। उस भूमि का मतदाता होना अपना सौभाग्य मानते हैं जिसने भारतीय पुनर्जागरण की शुरुआत की।
जगदीप धनखड़ थे राज्य में मतदाता
इससे पहले पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ राज्य में मतदाता बने थे। उन्होंने अपना वोट भी डाला। बोस के मामले में, शुरू से ही मतदाता बनने को लेकर कोई सूचना नहीं थी। अंततः, एसआईआर फार्म के अंतिम दिन, सी वी आनंद बोस ने मतदाता बनने के बारे में अपना विचार व्यक्त किया। हालांकि, राज्यपाल अपनी इच्छा अनुसार किसी भी समय संबंधित राज्य में मतदाता बन सकते हैं। उन पर कोई समय सीमा लागू नहीं होती।