

दुबईः सऊदी अरब ने यमन के बंदरगाह शहर मुकाला पर एक अलगाववादी संगठन के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आई हथियारों की खेप को निशाना बनाकर बमबारी की। सऊदी अरब ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
यह हमला सऊदी अरब और यूएई समर्थित ‘‘सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल’ (एसटीसी) के बीच तनाव और बढ़ने का संकेत देता है। इससे रियाद और अबू धाबी के रिश्तों में भी तनाव बढ़ने का संकेत मिलता है। यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक दशक से जारी युद्ध में दोनों देश अलग-अलग पक्षों का समर्थन करते रहे हैं।
सरकारी ‘सऊदी प्रेस एजेंसी’ की एक रिपोर्ट में जारी सेना के बयान के अनुसार, यह कार्रवाई तब की गई जब फुजैरा (यूएई के पूर्वी तट का एक बंदरगाह शहर) से पोत मुकाला पहुंचे। बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षा एवं स्थिरता के लिए खतरा पैदा करने वाले इन हथियारों से उत्पन्न खतरे को देखते हुए ‘कोलिशन एयर फोर्सेस’ ने आज सुबह एक सीमित सैन्य अभियान चलाया और अल-मुकाला बंदरगाह पर दो पोत से उतारे गए हथियारों तथा लड़ाकू वाहनों को निशाना बनाया।’’ इस मामले में यूएई ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यमन के हूती विरोधी बलों ने की आपातकाल की घोषणा
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से यमन में अलगाववादियों के लिए भेजी गई हथियारों की खेप को निशाना बनाकर सऊदी अरब द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद यमन में हूती-विरोधी बलों ने मंगलवार को आपातकाल की घोषणा कर दी। इन बलों ने अपने नियंत्रण वाले इलाकों में सभी सीमा चौकियों को 72 घंटे के लिए बंद करने की घोषणा की। साथ ही, हवाई अड्डों और बंदरगाहों में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है, केवल उन लोगों पर प्रतिबंध नहीं है जिन्हें सऊदी अरब ने अनुमति दी है।