‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पर राहुल ने जताई कड़ी आपत्ति, कहा- नया विधेयक महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को गांधी के विचारों से नफरत, जनविरोधी विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी -
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नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा के स्थान पर लगाए गए ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ को महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान करार दिया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रपिता के विचारों तथा गरीबों के अधिकारों से नफरत है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह नया विधेयक महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस ‘जन विरोधी’ विधेयक का सड़क से लेकर संसद तक पुरजोर विरोध करेगी। सरकार ने विपक्ष के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पेश किया, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर लाया गया है।

पीएम को महात्मा गांधी के विचारों से नफरत

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी जी को दो चीज़ों से पक्की नफ़रत है - महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से। मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है - करोड़ों ग्रामीणों की ज़िंदगी का सहारा है, जो कोविड काल में उनका आर्थिक सुरक्षा कवच भी साबित हुआ। मगर, प्रधानमंत्री मोदी को यह योजना हमेशा खटकती रही और पिछले दस सालों से इसे कमजोर करने की कोशिश करते रहे हैं।’’

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प्रधानमंत्री मनरेगा का नामो-निशान मिटाने पर आमादा

उन्होंने आरोप लगाया कि आज प्रधानमंत्री मनरेगा का नामो-निशान मिटाने पर आमादा है। कांग्रेस नेता का कहना था, ‘‘मनरेगा की बुनियाद तीन मूल विचारों पर थी। पहला यह कि रोज़गार का अधिकार - जो भी काम मांगेगा, उसे काम मिलेग। दूसरा यह कि गांव को प्रगति कार्य खुद तय करने की स्वतंत्रता और तीसरा विचार था कि केंद्र सरकार मज़दूरी का पूरा खर्च और समान की लागत का 75 प्रतिशत देगी’’ राहुल गांधी ने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी इसी मनरेगा को बदलकर सारी ताकत सिर्फ अपने हाथों में केंद्रित करना चाहते हैं।

ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोजी-रोटी खत्म करने का इरादा

उन्होंने दावा किया, ‘‘ बजट, योजनाएं और नियम केंद्र तय करेगा, राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा और बजट खत्म होते ही या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक किसी को काम नहीं मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने पहले ही भयंकर बेरोज़गारी से भारत के युवाओं का भविष्य तबाह कर दिया है और अब यह विधेयक ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोज़ी-रोटी को भी खत्म करने का ज़रिया है। हम इस जनविरोधी विधेयक का गांव की गलियों से संसद तक विरोध करेंगे।’’

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